किशनगढ़ बास में पानी का संकट बरकरार, गर्मी शुरू होने से पहले विभाग ने नहीं कराई लाइनों की सफाई

किशनगढ़ बास। प्रदेश में जहां एक ओर भीषण गर्मी का दौर जारी है, वहीं पर्याप्त मात्रा में जलआपूर्ति नहीं होने से लोगों को समस्या का सामना करना पड़ रहा है। जानकारी के अनुसार जल स्वास्थ्य एवं अभियंत्रिक विभाग की ओर से गर्मी शुरू होने से पहले लाइनों की सफाई नहीं कराई गई। जिससे लाइन जगह जगह से ब्लॉकेज हो रही है और लोगों को पर्याप्त मात्रा में पानी नहीं मिल पा रहा है।

लाइनों के टी पाइंट पर जमा है सल्फेट कार्बोहाइड्रेट्स

किशनगढ़ बास उपखंड मुख्यालय की नगर पालिका में 25 वार्ड है और यहां पर करीब एक माह से जल अभियंत्रिक विभाग की ओर से 1 दिन छोड़कर एक दिन पानी देने की व्यवस्था नलों से की गई है।  पानी की लाइन ब्लॉकेज होने पर करीब 8 से 10 लोगों की टीम पेयजल लाइन के टी पॉइंट में जमा सल्फेट कार्बोहाइड्रेट्स को साफ करने में लगी है। पेयजल लाइन की सफाई को चलते भी करीब 20 दिन से अधिक होने को जा रहे है लेकिन अभी तक तीन से चार वार्डो में ही सफाई हो सकी है। जिन वार्डों में पेयजल लाइन को साफ किया गया है उन वार्ड के लोगों का कहना है कि पहले से काफी हद तक पानी की सप्लाई में सुधार हुआ है पानी का प्रेशर बढा है। इसके बाद भी ब्लॉकेज लाइनों की सफाई का काम कछुआ चाल की गति से होना अधिकारी कर्मचारियों की कार्य शैली पर सवाल उठाते हैं। लोगों का मानना है लाइनों की सफाई का कार्य विभाग तेज गति से कराए तो काफी हद तक पानी की व्यवस्था में सुधार लाया जा सकता है।
विभाग के अधिकारियों का यह प्लान फेल हुआ तो अब करीब 12 से 15 हजार रुपए प्रतिदिन खर्च कर 30 से 40 टैंकर पानी भेज रहा है फिर भी लोगों को इतने ही टैंकर पानी के स्वयं मंगाने पड़ रहे हैं पार्षद मीनाक्षी मनोज मित्तल का कहना है कि वार्ड में 50 से 75प्रतिशत तक लाइन ब्लॉकेज हो रही थी। ब्लॉकेज ठीक होने से पानी का प्रेशर बढ़ने से पर्याप्त पानी मिलने लगा है। ब्लॉकेज लाइनों के सवाल पर अधिकारी ने बताया कि लाइनों की सफाई के लिए 6 से 7 लोगों की टीम काम कर रही है। करीब 60 प्रतिशत काम पूरा हो चुका है। 25 में कितने वार्ड क्लियर हो चुके हैं यह नहीं बताया, बस यही बोल की 60 प्रतिशत काम पूरा हो चुका है और शेष ब्लॉकेज लाइनों को भी साफ कराया जा रहा है ।

6 ट्यूबवेल सूखने के कारण पानी की हुई कमी

जल अभियंत्रिक विभाग के अधीक्षण अभियंता धर्मेंद्र यादव का कहना है कि 6 ट्यूबवेल सूखने के कारण पानी की आवश्यकता के अनुरूप पानी कम उपलब्ध हो रहा है। जिसके कारण शहर में एक दिन छोड़कर एक दिन पानी की सप्लाई की हुई है इसके अलावा प्रभावित हुए डिमांड होने पर टैंकर भेजे जा रहे हैं। करीब 30 टैंकर पानी प्रतिदिन भेजें जा रहे है। एक टैंकर पर विभाग का 404 रुपया खर्च हो रहा है। ।

 

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here