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    “मुझे पूरे हरियाणा की देखभाल करनी है”—पार्टी से नाराज़ हुए अनिल विज

    चंडीगढ़: हरियाणा बीजेपी में सबकुछ ठीक नहीं है। पार्टी के वरिष्ठ नेता और सात बार के विधायक अनिल विज की नाराज़गी एक बार खुलकर सामने आ गई है। पार्टी द्वारा हाल ही में उन 42 विधानसभा क्षेत्रों में अपने मंत्रियों और विधायकों की नियुक्ति की गई, जहां 2024 के विधानसभा चुनावों में बीजेपी हार गई थी, लेकिन इस सूची में विज का नाम शामिल नहीं किया गया। पार्टी के इस फैसले से नाखुश विज ने अपनी नाराज़गी हाईकमान तक पहुंचा दी है और राज्यभर में पार्टी कार्यकर्ताओं से मिलने के लिए एक राज्यव्यापी दौरे (यात्रा) की घोषणा कर दी है। उन्होंने गुरुवार को पत्रकारों से कहा कि उन्हें एक-एक सीट दी गई है, मुझे पूरे हरियाणा की देखभाल करनी है। मैं पार्टी का सबसे वरिष्ठ विधायक हूं। मैं सात बार जीतकर आया हूं। अब मैं राज्यभर के नए और पुराने कार्यकर्ताओं से मिलने निकलूंगा।

    विज ने अधिकारियों को भी दी चेतावनी

    विज ने यह भी कहा कि उनके दौरों के दौरान अधिकारी अगर लापरवाही करते पाए गए, तो सख्त कार्रवाई की जाएगी। वे पहले भी कई बार सार्वजनिक रूप से अधिकारियों को निलंबित करने के निर्देश दे चुके हैं। इस बीच, ग्रामीण विकास और पंचायत मंत्री कृष्ण पंवार ने रोहतक में कहा कि विज को यह ज़िम्मेदारी उनकी तबीयत ठीक नहीं होने के कारण नहीं दी गई। पार्टी सूत्रों के मुताबिक, यह बयान विज को और अधिक नाराज़ कर गया। इसके बाद पार्टी के कई नेता उन्हें मनाने पहुंच गए।

    विज को मनाने पहुंचे पंवार

    शनिवार देर रात, पंवार ने एक बयान जारी कर कहा कि अनिल विज जी एक वरिष्ठ, लोकप्रिय और जनकल्याण के लिए समर्पित नेता हैं। उनका राजनीतिक अनुभव सभी जनप्रतिनिधियों के लिए प्रेरणा है। मैंने जो कहा था, उसका सोशल मीडिया पर गलत मतलब निकाला जा रहा है। रविवार सुबह पंवार विज के आवास पर पहुंचे और दोनों नेताओं के बीच लगभग एक घंटे तक बातचीत हुई, हालांकि इस मुलाकात को लेकर कोई आधिकारिक टिप्पणी नहीं की गई।

    अंबाला डिवीजन में अहम भूमिका

    अनिल विज अंबाला डिवीजन से आते हैं, जिसमें 18 विधानसभा सीटें हैं। 2019 के लोकसभा चुनावों में बीजेपी ने यहां सभी 18 सीटों पर बढ़त हासिल की थी, लेकिन कुछ ही महीनों बाद विधानसभा चुनावों में यह संख्या घटकर 9 रह गई। 2024 लोकसभा चुनावों में भी पार्टी को केवल 9 सीटों पर बढ़त मिली, जबकि कांग्रेस ने यहां 12 सीटें जीतीं। अनिल विज अपने स्पष्ट और बेबाक बयानों के लिए जाने जाते हैं। जनवरी में उन्होंने मुख्यमंत्री सैनी पर निशाना साधते हुए कहा था कि जब से उन्होंने पद संभाला है, तब से ‘उड़न खटोले’ में हैं। अगर नीचे उतरें तो लोगों की तकलीफें दिखेंगी।

    जानें किन्हें दी गई हैं ज़िम्मेदारियां?

    मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी के नेतृत्व वाली सरकार के सभी मंत्रियों को इन 42 हारी हुई सीटों में से एक-एक की ज़िम्मेदारी दी गई है, लेकिन अनिल विज को नहीं:
    -डॉ. अरविंद शर्मा — गढ़ी-सांपला-किलोई (भूपेंद्र सिंह हुड्डा, कांग्रेस)
    -विपुल गोयल — रोहतक (बी.बी. बत्रा, कांग्रेस)
    -आरती राव — झज्जर (गीता भुक्कल, कांग्रेस)
    -कृष्ण पंवार — आदमपुर (चंद्र प्रकाश, कांग्रेस)
    -महिपाल ढांडा — गुहला चीका (देवेंद्र हंस, कांग्रेस)
    -राव नरबीर — पृथला (रघुबीर तेवतिया, कांग्रेस)
    -श्याम सिंह राणा — नारायणगढ़ (शैली चौधरी)
    -रणबीर गंगा — टोहाना (परमवीर सिंह)
    -गौरव गौतम — डबवाली (आदित्य देवीलाल, इनेलो)
    -श्रुति चौधरी — ऐलनाबाद (भारत सिंह बेनीवाल, कांग्रेस)
    -कृष्ण कुमार बेदी — सिरसा (गोकुल सेतिया, कांग्रेस)
    -राजेश नागर — हिसार (सवित्री जिंदल, निर्दलीय)

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