अलवर। सरिस्का टाइगर रिजर्व के दुर्गम वन क्षेत्रों में वन्यजीवों की सुरक्षा में लगे वन कर्मियों की अब हर तीन महीने में स्वास्थ्य जांच की जाएगी। चिकित्सा विभाग की ओर से वनकर्मियों के स्वास्थ्य जांच की पहली बार यह व्यवस्था की गई है। इतना ही नहीं चिकित्सा विभाग की ओर से प्राथमिक उपचार के लिए वनकर्मियों को मेडिकल किट का वितरण भी किया गया है। प्रदेश के चिकित्सा मंत्री गजेंद्र सिंह खींवसर ने सरिस्का टाइगर रिजर्व में इस योजना की शुरुआत एक कार्यक्रम में वन कर्मियों को मेडिकल किट बांट कर की। सरिस्का के सीसीएफ संग्रामसिंह कटियार ने वनकर्मियों को मेडिकल किट दिए जाने को अच्छा कदम बताया और कहा कि इससे वनकर्मियों छोटी— मोटी बीमारी एवं चोट आदि का प्राथमिक उपचार करने में मदद मिलेगी, वहीं स्वास्थ्य शिविर में जांच से उनके स्वास्थ्य की बेहतर मॉनिटरिंग हो सकेगी।
अलवर जिले के सीएमएचओ डॉ. योगेन्द्र शर्मा ने बताया कि चिकित्सा मंत्री के निर्देशानुसार दुर्गम क्षेत्रों में वन्यजीवों की सुरक्षा का कार्य करते हुए कई बार कटीले पेड़ों एवं वन्यजीवों के हमले से खरोंच आदि लग जाती है। सरिस्का क्षेत्र के दुर्गम वन क्षेत्रों में मेडिकल सुविधा नहीं होने से उन्हें प्राथमिक उपचार नहीं मिल पाता। इस कारण वन कर्मी खरोंच आदि से राहत पाने के लिए चोट पर गीला कपड़ा बांधना पड़ता है। इससे वनकर्मियों को चोट से कुछ देर के लिए राहत मिल सकती है, लेकिन इस प्रयास से उन्हें इंफेक्शन होने का खतरा रहता है। इंफेक्शन आदि खतरे से बचाने के लिए वनकर्मियों को चिकित्सा विभाग की ओर से मेडिकल वितरित किए गए हैं। इन मेडिकल किट में ओआरएस, मल्टीविटामिन टेबलेट, एंटीफंगल टैबलेट, पेरासिटामोल टैबलेट, सिरदर्द की गोली, खरोंच पर लगाने वाली दवा सहित अन्य जरूरी दवाई शामिल है। चिकित्सा विभाग की ओर से सरिस्का टाइगर रिजर्व की करीब 75 वन चौकियों पर तैनात वनकर्मियों को मेडिकल किट का वितरण किया गया है।
होगी वनकर्मियों की मेडिकल जांच
सीएमएचओ डॉ. शर्मा ने बताया कि प्रदेश के चिकित्सा मंत्री ने सरिस्का के वनकर्मियों की हर तीन महीने में स्वास्थ्य जांच के भी निर्देश दिए हैं।उन्होंने बताया कि सरिस्का टाइगर रिजर्व में इस अभियान की शुरुआत भी मेडिकल कैम्प लगाकर की गई है। अब हर तीन महीने में वन क्षेत्रों में मेडिकल कैम्प लगाकर वनकर्मियों की जांच की जाएगी। अभी सरिस्का में लगाए स्वास्थ्य जांच शिविर में करीब 75 वन चौकियों पर तैनात वनकर्मी एवं होमगार्ड के स्वास्थ्य की जांच की गई। हालांकि जांच के दौरान वनकर्मियों एवं होमगार्ड का स्वास्थ्य सही पाया गया, उन्हें किसी प्रकार कोई गंभीर बीमारी नहीं मिली। मेडिकल जांच शिविर में सीएचसी स्तर पर उपलब्ध सभी प्रकार की जांचे उपलब्ध कराई गई, जिनमें एक्सरे, सीबीसी, लीवर, फेफड़ों से सम्बन्धित जरूरी जांचे शामिल रही। सीएमएचओ ने बताया कि मेडिकल जांच शिविर में किसी प्रकार की बीमारी मिलने पर वनकर्मी समीप की सीएचसी एवं पीएचसी पर अपना उपचार करवा सकेंगे। इसके लिए सीएचसी एवं पीएचसी के स्टाफ को निर्देश भी दिए गए हैं।
मिलेंगे ब्लड प्रेशर, शुगर जांच के उपकरण
सीएमएचओ ने बताया कि चिकित्सा मंत्री ने निर्देश दिए हैं कि वनकर्मियों को ब्लड शुगर, ब्लड प्रेशर जांच की मशीन, पल्स आक्सीजन मीटर आदि जरूरी उपकरण उपलब्ध कराएं, जिससे दुर्गम क्षेत्र में वन्यजीवों की सुरक्षा में लगे वनकर्मी स्वयं ही अपनी सामान्य जांच कर सकें।