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    महादेवी हथिनी की वापसी के लिए सुप्रीम कोर्ट जाएगी सरकार, फडणवीस का बड़ा ऐलान

    मुंबई: महाराष्ट्र के कोल्हापुर से गुजरात के वनतारा ले जाएगी नंदिनी मठ की हथिनी महादेवी को वापस लाने के लिए राज्य सरकार सुप्रीम कोर्ट में अपील दाखिल करेगी। मंगलवार को मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने नंदिनी मठ की हथिनी महादेवी उर्फ माधुरी को वापस लाने की मांग के बीच यह निर्णय लिया। मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने स्पष्ट किया कि राज्य सरकार इस मामले में मठ के साथ पूरी तरह से खड़ी है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार एक अलग पुनर्विचार याचिका भी दायर करेगी और हाथी की वापसी के संबंध में सर्वोच्च न्यायालय में अपना पक्ष रखेगी। गौरतलब हो कि महादेवी को अनंत अंबानी के वनतारा में भेजे जाने के बाद महाराष्ट्र के कोल्हापुर में आंदोलन खड़ा हो गया है। मुख्यमंत्री ने इसके साथ यह भी ऐलान किया कि इस प्रकरण में लोगों के खिलाफ दर्ज मामले वापस लिए जाएंगे। महादेवी हथिनी सालों से जैठ मठ का हिस्सा थी। लोगों के विरोध के बाद साधु संत भी इसमें जुड़ गए थे।

    कैबिनेट हॉल में सीएम की बैठक

    मंगलवार को नंदिनी मठ की हथिनी माधुरी उर्फ महादेवी को वापस लाने के संबंध एक बैठक हुई। इसमें इस दौरान मुख्यमंत्री ने राज्य सरकार की स्थिति स्पष्ट की। उपमुख्यमंत्री अजित पवार, वन मंत्री गणेश नाईक, उच्च एवं तकनीकी शिक्षा मंत्री चंद्रकांत पाटिल, जल संसाधन मंत्री गिरीश महाजन, चिकित्सा शिक्षा मंत्री हसन मुश्रीफ, लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री प्रकाश अबितकर सहित नंदनी मठ के प्रतिनिधि और जनप्रतिनिधि मौजूद रहे। इस बैठक में फडणवीस ने कहा कि कोल्हापुर ताल शिरोल स्थिति नंदनी मठ को माधुरी हाथिनी की वापसी के लिए सुप्रीम कोर्ट पुनर्विचार याचिका दायर करनी चाहिए। सीएम ने इस मौके पर कहा कि राज्य सरकार भी एक अलग से याचिका शीर्ष अदालत में दाखिल करेगी। बैठक में यह भी तय हुआ कि हथिनी की देखभाल के लिए डॉक्टरों की एक टीम बनाई जाएगी। महादेवी को कोर्ट के आदेश पर ही कोल्हापुर से गुजरात वनतारा भेजा गया है।

    सीएम ने किया जनभावना का जिक्र

    मुख्यमंत्री फडणवीस ने कहा कि माधुरी हथिनी पिछले 34 सालों से नंदनी मठ में है। जनभावना है कि माधुरी मठ में वापस आनी चाहिए। सीएम ने कहा कि वन विभाग की ओर से सर्वोच्च न्यायालय में अलग से विस्तृत स्थिति प्रस्तुत की जाएगी। इसमें उच्च स्तरीय समिति द्वारा सुझाए गए सभी मुद्दों और केंद्रीय चिड़ियाघर प्राधिकरण के मानदंडों का समाधान किया जाएगा। राज्य सरकार हथिनी की देखभाल और सभी आवश्यक सहायता प्रदान करने के लिए डॉक्टरों सहित एक टीम का गठन करेगी। यदि जरूरी हुआ रेस्क्यू सेंटर जैसी व्यवस्था की जाएगी। उन्हाेंने कहा कि उसके अनुसार सुविधाएं प्रदान की जाएंगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि याचिका में सुप्रीम कोर्ट से इन मामलों की जांच के लिए एक स्वतंत्र समिति नियुक्त करने का भी अनुरोध किया जाएगा। इस मौके पर डिप्टी सीएम अजित पवार ने कहा कि वन विभाग को महाराष्ट्र से बाहर ले जाए गए सभी हाथियों की जानकारी एकत्र करनी चाहिए।

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