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    सीएम के भाई ने लैंड पूलिंग नीति पर जताई नाराजगी, सोशल मीडिया पर किया पोस्ट

    पंजाब।   पंजाब की आम आदमी पार्टी (आप) सरकार की लैंड पूलिंग पॉलिसी का विरोध बढ़ता जा रहा है। विपक्षी दलों और किसान संगठनों के विरोध के बीच अब मुख्यमंत्री भगवंत मान के गृह जिले संगरूर से उन्हीं के 'अपने' भी लैंड पूलिंग पॉलिसी के खिलाफ खड़े हो गए हैं और इस नीति पर पुनर्विचार की गुहार लगा रहे हैं। 

    मुख्यमंत्री के चचेरे भाई से लेकर सीएम मान के विधानसभा हलके धूरी से पार्टी नेता और मान के करीबी भी सोशल मीडिया पर पोस्ट शेयर करके लैंड पूलिंग नीति को कटघरे में खड़ा कर रहे हैं। उनकी यह पोस्टें खूब वायरल हो रही हैं। मुख्यमंत्री के अपने भी सरकार पर दबाव डालने की कोशिश कर रहे हैं।  जानकारों का मानना है कि किसान बाहुल्य क्षेत्र में ग्रामीण परिवेश के ये नेता, ऐसा करके किसान संगठनों को किसान हितैषी होने का संदेश भी देना चाहते हैं। सबसे अहम पहलू यह भी है कि किसान को अपनी खेती जमीन से प्यारा कुछ भी नहीं है। मुख्यमंत्री भगवंत मान के चचेरे भाई ज्ञान सिंह मान ने सोशल मीडिया पर लिखा है कि जिस प्रकार बेअदबी विरोधी कानून की समीक्षा के लिए इसे स्टैंडिंग कमेटी के पास भेजा है उसी प्रकार लैंड पूलिंग पॉलिसी लागू करने से पहले किसानों की राय ली जाए। ताकि गुरुओं पीरों की धरती तरक्की व खुशहाली की तरफ निरंतर बढ़ती रहे, आबाद रहे।

    पार्टी के ब्लॉक प्रधान ने दिया इस्तीफा

    मुख्यमंत्री के विधानसभा क्षेत्र धूरी से आप के ब्लॉक अध्यक्ष गुरजीत सिंह कांझला ने अपने पद से इस्तीफा देते लिखा कि लैंड पूलिंग का कड़ा विरोध करता हूं। यह सिर्फ किसानों की नहीं, पूरे पंजाब की लड़ाई है। यह नीति दिल्ली वालों ने निजी लाभ लेने के लिए बनाई है। पंजाब के लोगों ने कभी दिल्ली की नहीं मानी और अब भी नहीं मानेंगे।

    किसानों की जमीनें छीनना चाहती है सरकार 

    मुख्यमंत्री मान के धूरी विस क्षेत्र के पूर्व प्रभारी प्रो ओंकार सिंह ने भी इस नीति पर सवाल उठाए हैं। उन्होंने सोशल मीडिया पर पोस्ट किया है कि आम आदमी पार्टी अब किसानों की जमीनें छीनने की नीतियां लागू कर रही हैं। सुनाम में शहीद ऊधम सिंह के बलिदान दिवस समारोह में केजरीवाल के भाषण के दौरान लोगों का चले जाना दिल्ली लीडरशिप के खिलाफ रोष का प्रमाण है।

    एक इंच जमीन पर कब्जा नहीं होने देंगे

    लैंड पूलिंग नीति को लेकर पंजाब में रोष बढ़ता जा रहा है। सरकार ने इस नीति को तीन जिलों तक सीमित करने का फैसला किया है। लेकिन किसान संगठन आंदोलन की तैयारी में हैं। भाकियू एकता उगराहां के प्रदेश अध्यक्ष जोगिंदर सिंह उगराहां ने कहा कि एक इंच जमीन पर कब्जा करने नहीं दिया जाएगा। जमीन से बढ़कर किसान के लिए कुछ नहीं। इस नीति ने आप सरकार के असली चेहरे को उजागर कर दिया है।

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