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    Dr. Batra ने बताया दिमाग तेज़ करने का फार्मूला, याददाश्त बढ़ाने में असरदार होम्योपैथी उपाय

    बुढ़ापा एक नेचुरल प्रोसेस है, लेकिन लाइफ एक्सपेक्टेंसी बढ़ने के साथ सीनियर सिटीजन के लिए लाइफ क्वालिटी बेहतर बनाना भी जरूरी हो गया है। बुढ़ापे में शरीर और दिमाग का फंक्शन धीरे धीरे कम होने लगता है, जिसमें सबसे प्रमुख मोबिलिटी और कॉग्निटिव फंक्शन में कमी शामिल है। डॉ. बत्राज हेल्थकेयर के संस्थापक-चेयरमैन एमेरिटस पद्म श्री डॉक्टर मुकेश बत्रा ने इसका होम्योपैथिक इलाज बताया है।

    डॉक्टर बत्रा कहते हैं कि कॉग्निटिव फंक्शन गिरने में मेमोरी लॉस होना सबसे गंभीर चुनौती है, क्योंकि यह आपकी क्षमता पर गहराई से बुरा असर डालता है। हालांकि, यदि इन समस्याओं की समय पर पहचान और समाधान किया जाए, तो व्यक्ति अपनी स्वतंत्रता, मानसिक सक्रियता और संपूर्ण स्वास्थ्य को लंबे समय तक बनाए रख सकता है।
      
    कॉग्निटिव लॉस के बारे में बताते हैं ये लक्षण

    डॉक्टर ने कहा कि भूलने की आदत, ध्यान कम रहना या फोकस करने में समस्या को अक्सर उम्र बढ़ने के सामान्य लक्षण मानकर इग्नोर कर देते हैं। लेकिन यह कॉग्निटिव फंक्शन गिरने की शुरुआत हो सकती है। सही समय पर इन बदलावों को पहचानकर मेमोरी लॉस को रोका जा सकता है।

    मेमोरी लॉस से बचाने वाली होम्योपैथिक दवा

    डॉक्टर बत्रा ने कहा कि होम्योपैथी पर्सनलाइज्ड और पूरा इलाज देती है, जो लक्षणों को मिटाने के साथ समस्या को जड़ से मिटाती है। तेज याददाश्त और फोकस के लिए Anacardium orientale और Medorrhinum जैसी दवाइयां अक्सर दी जाती हैं। लेकिन बुढ़ापे में कमजोर होने वाली याददाश्त और भ्रम की स्थिति में Baryta Carbonica फायदेमंद मानी जाती है। इन दवाइयों को लेने से पहले हमेशा किसी योग्य होम्योपैथ डॉक्टर से सलाह जरूर लें।

    खाने में लें ये चीज

    होम्योपैथिक ट्रीटमेंट के साथ-साथ एक हेल्दी लाइफस्टाइल अपनाना जरूरी है, इससे ब्रेन हेल्थ बढ़ती है। रेगुलर एक्सरसाइज से दिमाग में रक्त प्रवाह बढ़ता है। किताबें पढ़ने, पहेलियां सुलझाने, म्यूजिक सीखने या नए हॉबी बनाने से ब्रेन कनेक्टिविटी मजबूती होती है। खाने में ओमेगा-3 फैटी एसिड, एंटीऑक्सीडेंट और विटामिन B12 की डोज लेना शुरू करें।

    स्ट्रेस मैनेजमेंट है जरूरी

    मेंटल स्ट्रेस और टेंशन से याददाश्त कमजोर हो सकती है। होम्योपैथी मन और शरीर के बीच बैलेंस बनाकर चिंता, अवसाद और अनिद्रा को कम करने में मदद करती है, जिससे भूलने की समस्या और बढ़ सकती है। इसके साथ योग, ध्यान और माइंडफुलनेस जैसी तकनीक सहायक हैं।

    रेगुलर चेकअप करवाएं

    बुढ़ापे में आपको रेगुलर चेकअप जरूर करवाना चाहिए। इससे ब्लड प्रेशर, थायरॉयड और ब्लड शुगर जैसी स्थितियों की मॉनिटरिंग हो जाती है। इनमें गड़बड़ी आने पर मेमोरी लॉस हो सकता है। समय पर पता चलने से लाइफ क्वालिटी बढ़ाई जा सकती है।
     

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