पर्यूषण पर्व के तहत होंगे अनेक कार्यक्रम
मिशनसच न्यूज, दूदू,जयपुर। सकल दिगंबर जैन समाज का प्रमुख पर्व पर्यूषण महापर्व 28 अगस्त (भाद्रपद पंचमी) से आरंभ होगा। यूं तो भाद्रपद मास की शुरुआत से ही जैन मंदिरों में धार्मिक अनुष्ठान शुरू हो चुके हैं, किंतु पर्यूषण पर्व के साथ ही यह उल्लास और आध्यात्मिक साधना का माहौल चरम पर रहेगा।
श्री चंद्रप्रभु दिगंबर जैन मंदिर प्रबंध कार्यकारिणी के अध्यक्ष दिलीप पाटनी ने बताया कि इस अवसर पर मंदिर में विशेष धार्मिक कार्यक्रमों की श्रृंखला आयोजित की जाएगी। वहीं प्रवक्ता मुकेश जैन ने कहा कि भादो मास की शुरुआत से ही समाज के युवक और बच्चे प्रतिदिन जिनेंद्र भगवान का कलशाभिषेक कर रहे हैं।
तप और त्याग का पर्व
पर्यूषण पर्व को तप-त्याग और आत्मशुद्धि का पर्व माना जाता है। समाज के अनेक नर-नारी इन दिनों निराहार और निर्जल उपवास रखकर विशेष साधना करेंगे। मंदिरों में जिनेंद्र भगवान के कलश अभिषेक, दशलक्षण धर्म मंडल विधान पूजन तथा अन्य धार्मिक क्रियाएं संपन्न होंगी।
महत्वपूर्ण तिथियां
28 अगस्त : पर्यूषण पर्व का शुभारंभ
2 सितंबर : सुगंध दशमी
6 सितंबर : अनंत चतुर्दशी – विशेष कलश अभिषेक के साथ पर्व का समापन
8 सितंबर : क्षमावाणी पर्व – समाज के लोग परस्पर क्षमा याचना करेंगे
दशलक्षण धर्म की आराधना
इस अवसर पर जैन समाज दशलक्षण धर्म – उत्तम क्षमा, मार्दव, आर्जव, सत्य, शौच, संयम, तप, त्याग, आकिंचन और ब्रह्मचर्य की विशेष पूजा-अर्चना करेगा। साथ ही 16 कारण धर्म की भी विधिवत पूजन संपन्न की जाएगी।
समाज में उत्साह और चतुर्मास की धारा
पर्यूषण पर्व को लेकर समाज में विशेष उत्साह देखा जा रहा है। जयपुर शहर में एक दर्जन से अधिक स्थानों पर चतुर्मास चल रहे हैं। मुनि संघ और साध्वी संघ के सान्निध्य में समाजजनों को प्रवचन, साधना और तप की प्रेरणा मिल रही है।
मंदिरों में सजावट
पर्व को देखते हुए जैन मंदिरों को विशेष रोशनी और फूलों से सजाया गया है। रात्रि में मंदिरों की झिलमिल रोशनी श्रद्धालुओं को आस्था और अध्यात्म से ओतप्रोत कर रही है।
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