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    खैरथल का जोश – 14 दिन से गूंज रहा है आंदोलन का बिगुल

    जिले की अस्मिता पर आर-पार की लड़ाई, संघर्ष समिति का ऐलान – “खैरथल

    शपथ
    शपथ

    नाम और मुख्यालय पर कोई समझौता नहीं”

    मनीष मिश्रा, खैरथल। “जिला बचाओ – सम्मान बचाओ!” की गूंज से गुरुवार को खैरथल की अनाज मंडी पार्क फिर गरज उठी। जिला बचाओ संघर्ष समिति का आंदोलन लगातार 14वें दिन भी पूरे जोश और ऊर्जा के साथ जारी रहा। हर दिन के साथ भीड़ बढ़ रही है और आंदोलन का तेवर और अधिक सख़्त होता जा रहा है।

    धरना स्थल की शुरुआत राष्ट्रगान से हुई, जिसके बाद संगठनों और नेताओं का सैलाब उमड़ पड़ा। मुनीम संगठन, एडवोकेट संगठन और महावर नवयुवक मंडल ने आंदोलन को समर्थन देकर संघर्ष समिति का मनोबल बढ़ाया। मुनीम संगठन ने तो आंदोलन की मजबूती हेतु 5100 रुपये की राशि भेंट की।

    सभा को संबोधित करते हुए विधायक दीपचंद खेरिया ने कहा, “सरकार समझ ले कि यह कोई मामूली प्रदर्शन नहीं है, यह जनता की अस्मिता का सवाल है। अगर जनता सड़कों पर उतर आई तो किसी ताक़त से दबाई नहीं जा सकेगी।”

    प्रधान बीपी सुमन ने साफ शब्दों में चेतावनी दी कि सरकार जिले का नाम बदलने और मुख्यालय स्थानांतरित करने का ख्याल भी छोड़ दे। उन्होंने कहा कि “यह लड़ाई अब गांव-गांव तक जाएगी, और जनता अपने अधिकार की रक्षा के लिए हर कदम उठाएगी।”

    पूर्व प्रधान रोहतास चौधरी और कांग्रेस नेता अजीत यादव ने भी जनता से एकजुट रहने की अपील की। इसके साथ ही गफूर खान, ओमप्रकाश रोघा, विक्की चौधरी, सर्वेश गुप्ता, फकीरचंद, राजेंद्र रसगोन, धीरूभाई जसवंत यादव, गिर्राज गुप्ता, कृष्ण चौधरी, प्रथम तिवारी, दीपेश शर्मा, नीरज जरवल समेत अनेक नेताओं और समाजसेवियों ने मंच से हुंकार भरते हुए कहा कि जब तक जिले का नाम और मुख्यालय यथावत नहीं रखा जाता, आंदोलन जारी रहेगा।

    शाम के समय आंदोलनकारियों ने चूड़ी मार्केट में चल रहे गणेश महोत्सव में पहुंचकर क्षेत्र की शांति और सरकार की सद्बुद्धि के लिए गणेश वंदना की। इससे आंदोलन को सांस्कृतिक और धार्मिक आधार पर भी मजबूती मिली।

    धरना स्थल पर रोज़ाना उमड़ती भीड़ और नए-नए संगठनों का समर्थन यह संकेत दे रहा है कि यह आंदोलन अब निर्णायक मोड़ की ओर बढ़ रहा है। संघर्ष समिति के पदाधिकारियों का कहना है कि “जिले की अस्मिता पर किसी भी कीमत पर समझौता नहीं किया जाएगा।”

    आज के धरने की खास बातें –

    • लगातार 14वें दिन भी धरना जारी रहा।

    • मुनीम संगठन, एडवोकेट संगठन और महावर नवयुवक मंडल का आंदोलन को समर्थन।

    • मुनीम संगठन द्वारा संघर्ष समिति को 5100 रुपये की सहयोग राशि।

    • धरना स्थल पर राष्ट्रगान के साथ शुरुआत और एकजुटता का प्रदर्शन।

    • शाम को गणेश महोत्सव में गणेश वंदना कर क्षेत्र की खुशहाली की कामना।

    स्पष्ट है कि खैरथल की जनता इस आंदोलन को केवल राजनीतिक सवाल नहीं, बल्कि जिले की अस्मिता और सम्मान की लड़ाई मान रही है। भीड़ का बढ़ता जोश और संगठनों का निरंतर समर्थन यह संदेश दे रहा है कि आने वाले दिनों में संघर्ष और भी व्यापक रूप ले सकता है।

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