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     “लोकतंत्र और संविधान की रक्षा हेतु- इंडिया गठबंधन ने जस्टिस बी. सुदर्शन रेड्डी को उपराष्ट्रपति पद का साझा उम्मीदवार घोषित किया”

    पटना। बिहार की राजधानी पटना के होटल मौर्या में इंडिया गठबंधन की ओर से एक महत्वपूर्ण और ऐतिहासिक प्रेस संवाद आयोजित किया गया। इस संवाद का मुख्य उद्देश्य आगामी उपराष्ट्रपति पद के चुनाव को लेकर गठबंधन की रणनीति और साझा उम्मीदवार के लिए समर्थन था। इस अवसर पर गठबंधन के साझा उम्मीदवार, सुप्रीम कोर्ट के पूर्व न्यायाधीश जस्टिस बी. सुदर्शन रेड्डी स्वयं उपस्थित रहे। जस्टिस रेड्डी ने अपने विचार रखते हुए कहा कि ‘वे किसी राजनीतिक दल का प्रतिनिधि बनकर नहीं आए हैं। उनका राजनीति से कोई लेना-देना नहीं है। वे केवल और केवल संविधान के उम्मीदवार हैं।अपने जीवन को उन्होंने न्यायपालिका की सेवा में समर्पित किया है और अब वही धर्म निभाने के लिए खड़े हुए हैं।’ उन्होंने कहा कि उपराष्ट्रपति का पद केवल राज्यसभा का सभापति होने तक सीमित नहीं है, बल्कि यह लोकतांत्रिक मर्यादा और संवैधानिक संतुलन का प्रतीक है। जब संसद में विपक्ष की आवाज़ को दबाया जा रहा हो, विधेयक बिना चर्चा के पारित हो रहे हों और सांसदों के वक्तव्य रिकॉर्ड से हटाए जा रहे हों, तब यह आवश्यक है कि उपराष्ट्रपति निष्पक्ष रहकर सदन की गरिमा को बनाए रखे।
    उन्होंने आगे कहा कि यह चुनाव उनके लिए किसी व्यक्तिगत महत्वाकांक्षा का साधन नहीं है, बल्कि यह संविधान और लोकतंत्र की सेवा का अवसर है। इंडिया गठबंधन ने उन्हें इस जिम्मेदारी के योग्य समझा, इसके लिए वे आभारी हैं, किंतु उनका पहला और आख़िरी कर्तव्य संविधान और लोकतंत्र की रक्षा करना होगा। संसद संख्याबल का खेल नहीं हो सकती, संसद का अर्थ है बहस, विमर्श और हर आवाज़ को सुना जाना। अपने संबोधन के समापन में उन्होंने कहा कि लोकतंत्र केवल सत्ता का नाम नहीं है, बल्कि जनता की आवाज़ है और उस आवाज़ को दबाया नहीं जा सकता। यही कारण है कि वे इस चुनाव में केवल संविधान की रक्षा के संकल्प के साथ खड़े हुए हैं।
    इसके बाद नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने अपने संबोधन में कहा कि आज भाजपा लोकतंत्र को खत्म करने पर आमादा है। उपराष्ट्रपति का चुनाव अचानक क्यों कराया जा रहा है, यह सवाल हर भारतीय पूछ रहा है। मौजूदा उपराष्ट्रपति दिन में सदन चला रहे थे और रातों-रात उन्हें बीमार घोषित कर दिया गया। अब वे बीमार हुए हैं या बीमार कराए गए हैं- यह देश जानना चाहता है। मेडिकल बुलेटिन तक जारी नहीं किया गया। यह संविधान और पारदर्शिता दोनों पर सीधा हमला है। उन्होंने कहा कि बिहार की जनता लोकतंत्र की जननी रही है। इस धरती से हर बार परिवर्तन का संदेश पूरे देश में गया है। भाजपा और एनडीए लाख कोशिश कर लें, लेकिन वे जनता की आवाज़ को दबा नहीं सकते।
    तेजस्वी यादव ने आगे कहा कि इंडिया गठबंधन ने जस्टिस रेड्डी को उम्मीदवार बनाकर यह साबित कर दिया है कि यह लड़ाई सत्ता की नहीं, बल्कि लोकतंत्र की है। जस्टिस रेड्डी किसी पार्टी से नहीं आते, वे संविधान की आत्मा से आते हैं। उनकी ईमानदारी, निष्पक्षता और न्यायप्रियता किसी परिचय की मोहताज नहीं है। यही वजह है कि यह चुनाव लोकतंत्र बनाम तानाशाही की लड़ाई है। उन्होंने भाजपा सरकार पर संवैधानिक संस्थाओं को बर्बाद करने का आरोप लगाते हुए कहा कि आज ईडी, सीबीआई, इनकम टैक्स और चुनाव आयोग सभी को सरकार ने अपने कब्ज़े में ले लिया है। लेकिन जनता यह सब देख रही है और जब-जब लोकतंत्र पर हमला हुआ है, जनता ने तानाशाही को हराया है। इस बार भी जनता संविधान की मर्यादा को बचाएगी।
    प्रेस संवाद का संचालन कर रहे बिहार प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष राजेश राम ने पत्रकारों का स्वागत करते हुए कहा कि हम सब बिहार की ऐतिहासिक धरती पर खड़े हैं। यही धरती है जिसने लोकतंत्र को जन्म दिया और हर दौर में तानाशाही को चुनौती दी। भाजपा और एनडीए की सरकार जिस तरह संवैधानिक संस्थाओं पर कब्ज़ा कर रही है, वह किसी से छुपा नहीं है। संसद में विपक्ष को बोलने से रोका जा रहा है, मीडिया पर नियंत्रण कर लिया गया है और न्यायपालिका तक पर दबाव बनाया जा रहा है। ऐसे समय में जस्टिस रेड्डी का नाम सामने आना जनता के विश्वास और उम्मीद का प्रतीक है। राजेश राम ने आगे कहा कि हमें गर्व है कि बिहार कांग्रेस इस ऐतिहासिक क्षण की गवाह है। जस्टिस रेड्डी किसी पार्टी या विचारधारा से नहीं, बल्कि संविधान की आत्मा से जुड़े हैं। यही वजह है कि इंडिया गठबंधन ने सर्वसम्मति से उनका नाम आगे बढ़ाया। यह लड़ाई केवल किसी व्यक्ति की नहीं, बल्कि लोकतंत्र बनाम तानाशाही की लड़ाई है। आने वाली पीढ़ियों को यह देखना होगा कि जब लोकतंत्र पर हमला हुआ तो हमने किस तरह उसका मुकाबला किया।
    इसके बाद वीआईपी प्रमुख मुकेश सहनी ने भी अपने विचार रखते हुए कहा कि बिहार की जनता ने हमेशा लोकतंत्र को बचाने और तानाशाही को हराने में अग्रणी भूमिका निभाई है। उन्होंने कहा कि जस्टिस रेड्डी का चयन यह दिखाता है कि इंडिया गठबंधन व्यक्तिगत सत्ता की लड़ाई नहीं लड़ रहा, बल्कि लोकतंत्र और संविधान की रक्षा का संकल्प लेकर आगे बढ़ रहा है। उन्होंने विश्वास जताया कि देश की जनता इस लड़ाई में गठबंधन का साथ देगी और लोकतंत्र को और मजबूत बनाएगी।
    प्रेस वार्ता के समापन पर इंडिया गठबंधन के नेताओं ने संयुक्त रूप से कहा कि यह चुनाव केवल एक संवैधानिक पद के लिए नहीं है, बल्कि यह लोकतंत्र और संविधान की रक्षा का चुनाव है। जस्टिस रेड्डी का समर्थन करना केवल एक व्यक्ति का समर्थन नहीं है, बल्कि न्याय, जनता की आवाज़ और लोकतांत्रिक मूल्यों की रक्षा करना है। उन्होंने यह भी कहा कि यह चुनाव सत्ता और विपक्ष की लड़ाई नहीं, बल्कि लोकतंत्र और तानाशाही की जंग है।
    इस अवसर पर मंच पर राजद के प्रदेश अध्यक्ष मंगलीलाल मंडल, कांग्रेस नेता अखिलेश प्रसाद सिंह, सांसद अब्दुल बारी सिद्दीकी, सीपीआईएमएल सांसद राजाराम, सीपीआई नेता रामललन सिंह, सीपीआईएम नेता ललन चौधरी और एआईसीसी प्रभारी कृष्णा अल्लावरु, सांसद सैयद नासिर हुसैन, शकील अहमद खान सहित इंडिया गठबंधन के कई वरिष्ठ नेता उपस्थित थे।

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