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    सांप काटने के बाद शरीर की जलन और गर्मी को दूर करेगा ये घरेलू नुस्खा… मात्र 30 दिन करें ट्राई

    बारिश के मौसम सांप अपने घरों से निकलकर बाहर आ आते हैं, जिससे खतरा तेजी से बढ़ जाता है. गौरतलब है कि भारी बारिश की वजह से सांपों के बिलों में पानी भर जाता है और वे सूखी जगह की तलाश में निकलते हैं. घरों, दुकानों, नए-नए बन रहे मकानों में उनका ठिकाना बना लेते हैं. यही नहीं, खतरा महसूस होने पर अटैक भी कर देते हैं, जिससे सर्पदंश (सांप के काटने) के मामले बढ़ जाते हैं. खासकर ग्रामीण इलाकों में इसके ज्यादा ही केस देखने को मिलते हैं. सरकारी आंकड़ों के अनुसार, भारत में हर साल 30-40 लाख लोग सांप के काटे जाने का शिकार होते हैं, जिनमें से 50 हजार से ज्यादा की मौत हो जाती है. चिंता की बात यह है कि सिर्फ 30% लोग ही समय पर अस्पताल पहुंच पाते हैं, इसलिए अवेयरनेस और तुरंत प्रतिक्रिया ही जान बचा सकती है.

    हालांकि सांप के काटने के बाद अस्पताल में समय पर इलाज मिल जाए तो मरीज की जान बच जाती है.गौरतलब है कि एंटी-वेनम और दवाइयों से जहर का असर धीरे-धीरे कम हो जाता है. लेकिन कई बार इलाज के बाद भी एंटी-वेनम के कारण मरीज को लंबे समय तक सिर चक्कर आना, भारीपन महसूस होना और कमजोरी जैसी दिक्कतें बनी रहती हैं. यह लक्षण इसलिए दिखाई देते हैं क्योंकि शरीर से जहर का असर पूरी तरह खत्म होने में समय लगता है. वहीं आयुर्वेद और पारंपरिक चिकित्सा में ऐसे कई घरेलू उपाय बताए गए हैं, जो इस कमजोरी और चक्कर की समस्या को कम करने में सहायक हो सकते हैं.
    गाय के घी का ऐसे करें इस्तेमाल
    स्थानीय महिला पुष्पा देवी ने लोकल 18 को बताया कि अगर हमें सांप ने काट लिया है और इलाज के बाद भी हमारे सिर में चक्कर या दर्द जैसी समस्या हो रही है, तो हमें घरेलू नुस्खे के तौर पर देसी घी सिर पर लगाना चाहिए और सुबह-शाम दो-दो चम्मच घी पीना भी चाहिए. ध्यान रहे कि यह देसी घी शुद्ध हो और गाय का ही हो, क्योंकि गाय का घी काफी ठंडक प्रदान करता है.

    इस वजह से गाय के घी में होती है ठंडक
    आयुर्वेद के डॉक्टर संतोष श्रीवास्तव बताते हैं कि गाय का घी आयुर्वेद में बेहद महत्वपूर्ण माना गया है. इसमें मौजूद ब्यूटिरेट एक लघु-श्रृंखला फैटी एसिड है, जो शरीर में सूजन को कम करने और आंतरिक अंगों को ठंडक पहुंचाने का काम करता है. यही कारण है कि गाय का घी प्राकृतिक रूप से शरीर की आंतरिक गर्मी को संतुलित करता है और पित्त दोष को शांत करता है. सांप के विष से शरीर में जो तेज गर्मी और जलन पैदा होती है, उसे गाय का घी काफी हद तक शांत करने में मदद करता है. यह शरीर को डिटॉक्स करने और जहर के असर को कम करने में सहायक माना जाता है. आयुर्वेदिक उपचारों में इसे ज़हर की तीव्रता घटाने और शरीर को संतुलन की स्थिति में लाने के लिए उपयोग करने की परंपरा रही है.
    1 महीने तक करें इस्तेमाल
    पुष्पा देवी बताती हैं कि पहले जब किसी को सांप काट लेता था तो गांव में अस्पताल की व्यवस्था नहीं थी. ऐसे में उस व्यक्ति को एक कटोरा देसी घी तुरंत पिला दिया जाता था. इससे शरीर में पैदा होने वाली जहर की गर्मी से राहत मिलती थी. इसके साथ ही लगभग एक महीने तक देसी घी को सिर पर लगाया जाता था. इससे सिर में होने वाले चक्कर आदि समस्या से काफी राहत मिलती है, बशर्ते यह देसी घी गाय का हो.

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