केमिकल के स्थान पर प्राकृतिक खेती से सुधरेगी मिट्टी की सेहत – कुलगुरु प्रो. गर्ग
मिशनसच न्यूज, जोधपुर। कृषि विश्वविद्यालय, जोधपुर में आयोजित पांच दिवसीय “प्राकृतिक खेती” विषयक प्रशिक्षण कार्यक्रम में विशेषज्ञों ने रासायनिक खेती के दुष्प्रभाव और प्राकृतिक खेती के लाभों पर प्रकाश डाला।
कुलगुरु प्रो. अखिल रंजन गर्ग ने कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए कहा कि राष्ट्रीय प्राकृतिक खेती मिशन कृषि क्षेत्र में क्रांतिकारी बदलाव का मार्ग प्रशस्त करेगा। इस पहल का मुख्य उद्देश्य जैव विविधता को संरक्षित करते हुए पर्यावरण-अनुकूल खेती को बढ़ावा देना है। उन्होंने कहा कि प्राकृतिक खेती से किसानों की लागत घटेगी और मिट्टी की सेहत में भी सुधार होगा।
कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि उपस्थित शिक्षा, संस्कृति, उत्थान न्यास, नई दिल्ली के राष्ट्रीय सह संयोजक संजय स्वामी ने कहा कि रासायनिक खाद और कीटनाशकों ने जहाँ एक ओर पैदावार बढ़ाई, वहीं दूसरी ओर असंख्य कृषि मित्र जीवों का खात्मा कर दिया। उन्होंने महिला कृषि सखियों को प्रेरित करते हुए कहा कि महिलाएं परिवार की धुरी होती हैं और वे इस प्रशिक्षण से प्राप्त ज्ञान को आगे बढ़ाने में अहम भूमिका निभा सकती हैं।
संयुक्त निदेशक (प्रसार) कृषि प्रभाग, जोधपुर, एस. एन. गढ़वाल ने प्रशिक्षणार्थियों को प्राकृतिक खेती मिशन और विभिन्न सरकारी योजनाओं से अवगत कराया। उन्होंने प्रतिभागियों से आह्वान किया कि वे रसायनमुक्त खेती को अपनाने और इसके प्रचार-प्रसार में सक्रिय भूमिका निभाएँ।
इस अवसर पर निदेशक, अनुसंधान, डॉ. एम. एम. सुंदरिया ने प्रशिक्षणार्थियों को शुभकामनाएँ देते हुए प्राकृतिक खेती को समय की आवश्यकता बताया। कार्यक्रम में स्वागत उद्बोधन नोडल अधिकारी, डॉ. प्रियंका स्वामी ने दिया, जबकि धन्यवाद ज्ञापन जनसंपर्क अधिकारी, डॉ. संगीता शर्मा ने प्रस्तुत किया।
मंच संचालन प्रशिक्षण अधिकारी नीलिमा मकवाना ने किया। कार्यक्रम में डॉ. मनीष बेड़ा, प्रियंका व अनिल यादव भी विशेष रूप से मौजूद रहे। इस प्रशिक्षण शिविर में 50 से अधिक प्रतिभागियों ने भाग लिया।
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