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    ग्लैमनड सुपरमॉडल इंडिया 2022 की विजेता कशिश मेथवानी ने जीता मिस इंटरनेशनल इंडिया 2023, अब भारतीय सेना के एयर डिफेंस ब्रांच में लेफ्टिनेंट बनीं

    पुणे: महाराष्ट्र के पुणे की रहने वाली कशिश मेथवानी ने साबित कर दिया है कि अगर जज़्बा हो तो इंसान किसी भी मुकाम को हासिल कर सकता है। 2023 में मिस इंटरनेशनल इंडिया का खिताब जीतने वाली कशिश ने मॉडलिंग और एक्टिंग के आकर्षक प्रस्तावों को ठुकरा कर सेना की वर्दी पहनने का फैसला किया। चेन्नै के ऑफिसर्स ट्रेनिंग एकेडमीसे कठिन प्रशिक्षण पूरा करने के बाद अब वह भारतीय सेना की एयर डिफेंस यूनिट में कमीशन प्राप्त कर चुकी हैं। उनके पिता पूर्व वैज्ञानिक रहे हैं और बाद में डायरेक्टरेट जनरल ऑफ क्वालिटी एश्योरेंस में डिफेंस सिविलियन के रूप में कार्यरत रहे। उनकी मां आर्मी पब्लिक स्कूल में शिक्षिका हैं। परिवार में पहले कोई भी सेना में नहीं रहा, लेकिन माता-पिता ने कशिश के फैसले का पूरा समर्थन किया।

    कौन हैं कशिश मेथवानी
    कशिश ने बायोटेक्नोलॉजी में मास्टर्स डिग्री हासिल की है और इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ साइंस, बेंगलुरु से थीसिस भी की है। उन्हें हार्वर्ड यूनिवर्सिटी से पीएचडी का प्रस्ताव भी मिला था, लेकिन उन्होंने देश सेवा का रास्ता चुना। उनकी यह सोच कॉलेज के दिनों में नेशनल कैडेट कॉर्प्स में शामिल होने के बाद और मज़बूत हुई। एनसीसी ने उन्हें वह जीवन दिखाया, जहां वह वास्तव में खुद को फिट मानती थीं। वह सिर्फ एक कैडेट ही नहीं, बल्कि बहुमुखी प्रतिभा की धनी भी हैं। कशिश भरतनाट्यम डांसर, तबला वादक, क्विज़र और डिबेटर हैं। उन्होंने ‘क्रिटिकल कॉज़’ नामक एनजीओ भी शुरू किया है। ओटीए में उन्होंने बास्केटबॉल, वॉलीबॉल और हैंडबॉल में अकादमी का प्रतिनिधित्व किया और प्रमुख कार्यक्रमों में कमेंट्री वॉयस और एंकर की भूमिका निभाई।
      
    शैक्षणिक और खेल दोनों क्षेत्रों में उत्कृष्ट प्रदर्शन
    कशिश ने OTA में 11 महीने की कठोर ट्रेनिंग के दौरान शैक्षणिक और खेल दोनों क्षेत्रों में उत्कृष्ट प्रदर्शन किया। उन्होंने आर्मी एयर डिफेंस मेडल सहित कई पुरस्कार जीते। मार्च में उन्हें सिख लाइट इन्फेंट्री रेजिमेंट मेडल, ड्रिल एंड डिसिप्लिन बैज और कमांडेंट्स पेन से भी नवाज़ा गया। प्रशिक्षण के दौरान उन्होंने बटालियन अंडर ऑफिसर और बाद में एकेडमी अंडर ऑफिसर जैसे नेतृत्वकारी पद संभाले, जो कि अकादमी का सर्वोच्च पद है। कशिश का कहना है कि मेरे लिए यह एक समय में एक कदम आगे बढ़ने के बारे में है। मैं अपनी यूनिट और सेना को अपना सर्वश्रेष्ठ देना चाहती हूं। उन्होंने कहा कि पेजेंट्री उनके लिए केवल एक शौक था, लेकिन एनसीसी के अनुभव और गणतंत्र दिवस परेड में प्रधानमंत्री से ऑल इंडिया बेस्ट कैडेट अवॉर्ड प्राप्त करना उनके जीवन का निर्णायक मोड़ रहा।

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