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    जनता के टैक्स से हुए सरकारी आयोजन में प्रधानमंत्री ने केवल अर्द्धसत्य बोला, महंगाई पर बोलने का नैतिक अधिकार नहीं: जूली

    बांसवाड़ा में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की रैली को लेकर नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली ने कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त की है। जूली ने कहा कि यह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है कि आमजन के टैक्स के पैसे से आयोजित सरकारी कार्यक्रम में प्रधानमंत्री ने अपनी उपलब्धियों या चुनावी वादों की जवाबदेही देने की बजाय केवल पूर्ववर्ती सरकारों को कोसने का काम किया।

    मिशन सच न्यूज़, जयपुर। बांसवाड़ा में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की रैली को लेकर नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली ने कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त की है। जूली ने कहा कि यह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है कि आमजन के टैक्स के पैसे से आयोजित सरकारी कार्यक्रम में प्रधानमंत्री ने अपनी उपलब्धियों या चुनावी वादों की जवाबदेही देने की बजाय केवल पूर्ववर्ती सरकारों को कोसने का काम किया। उन्होंने आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री सरकारी मंच से अर्द्धसत्य बोलकर जनता को भ्रमित कर रहे हैं।

    जूली ने कहा कि आज़ादी के बाद कांग्रेस ने कठिन परिस्थितियों में बिजली उत्पादन और वितरण की चुनौती को पूरा किया और 2014 तक भारत दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा बिजली उत्पादक देश बन गया। उन्होंने कहा कि परमाणु ऊर्जा के मुद्दे पर भाजपा को क्रेडिट लेने का कोई अधिकार नहीं है, क्योंकि जब मनमोहन सिंह ने अमेरिका से सिविल न्यूक्लियर समझौता किया था, तब भाजपा ने अविश्वास प्रस्ताव तक लाया था।

    GST को लेकर जूली ने कहा कि “सात साल तक लूट मचाने के बाद दरें घटाकर जश्न मनाना हास्यास्पद है।” उन्होंने कहा कि पेट्रोल-डीजल पर केंद्र सरकार ने ऐतिहासिक टैक्स लगाए, जिससे जनता की जेब पर बोझ पड़ा।

    प्रतिपक्ष के नेता ने आरोप लगाया कि राजस्थान में पेट्रोल-डीजल के दामों को हरियाणा और गुजरात के बराबर करने का वादा मोदीजी पूरा नहीं कर पाए। साथ ही, आदिवासियों की मांग “मानगढ़ धाम” को राष्ट्रीय स्मारक का दर्जा देने पर प्रधानमंत्री ने कोई बात नहीं की।

    जूली ने कहा कि भाजपा शासित राज्यों में पेपर लीक के मामले सामने आ रहे हैं, बावजूद इसके प्रधानमंत्री इस विषय पर राजस्थान में बयानबाजी करते हैं। उन्होंने सवाल किया कि स्व. कन्हैयालाल की हत्या के मुकदमे में न्याय को लेकर प्रधानमंत्री ने कुछ क्यों नहीं कहा।

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