उदयपुर। राजस्थान सरकार के पूर्व मंत्री और वरिष्ठ नेता नंदलाल मीणा का निधन हो गया। उन्होंने 1977 में जनता पार्टी के प्रत्याशी के रूप में उदयपुर ग्रामीण (अ.ज.जा.) विधानसभा क्षेत्र से चुनाव जीतकर सक्रिय राजनीति में प्रवेश किया था।
नंदलाल मीणा कुल सात बार विधायक और एक बार सांसद रहे। तीन बार उन्होंने राजस्थान सरकार में मंत्री पद की जिम्मेदारी निभाई। संगठन में भी उन्होंने कई अहम पदों पर काम किया।
1977 में शुरू हुआ राजनीतिक जीवन
1977 के चुनाव में उन्होंने राजनीति में एंट्री की और पहले चुनाव में उन्हें 20,263 मत मिले थे, जबकि निकटतम प्रतिद्वंदी जयनारायण को 9,818 मत मिले। 10,445 मतों के बड़े अंतर से मिली इस जीत ने उनके लंबे राजनीतिक जीवन की नींव रखी।
नंदलाल मीणा की पत्नी सुमित्रा मीणा चित्तौड़गढ़ की जिला प्रमुख रहीं, जबकि पुत्रवधु सारिका मीणा ने भी यही जिम्मेदारी संभाली। राजनीति में उनकी सबसे बड़ी पहचान यह रही कि वो अपने लंबे करियर में कभी चुनाव नहीं हारे।
बेटा राजस्थान सरकार में मंत्री
हालांकि, नंदलाल मीणा के पुत्र हेमंत मीणा को पहली बार प्रतापगढ़ विधानसभा से हार का सामना करना पड़ा था, लेकिन अगली बार उन्होंने न केवल चुनाव जीता बल्कि वर्तमान में वे राजस्थान सरकार में राजस्व मंत्री हैं।
सीएम भजनलाल शर्मा ने जताया दुख
नंदलाल मीणा के निधन पर मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने गहरा शोक व्यक्त किया। उन्होंने एक्स पर लिखा, "कैबिनेट मंत्री हेमंत मीणा जी के पूज्य पिताजी व राजस्थान सरकार के पूर्व मंत्री नंदलाल मीणा जी के निधन का समाचार अत्यंत दुखद है। ईश्वर दिवंगत आत्मा को शांति व शोक संतप्त परिवारजनों को यह असीम दुःख सहन करने की शक्ति प्रदान करे।"
उन्होंने कहा, नंदलाल मीणा का राजनीतिक जीवन संघर्ष, समर्पण और जनसेवा का प्रतीक रहा। उनके निधन से प्रदेश की राजनीति ने एक अनुभवी और लोकप्रिय जनप्रतिनिधि को खो दिया है।