जयपुर. रेल मंत्रालय ने एक तरफ जहां प्रोडक्शन यूनिट्स को करीब 10 हजार जनरल और स्लीपर कोच बनाने के निर्देश दिए हैं। वहीं, एसी और नॉन एसी कोच में यात्रा करने वाले यात्रियों की यात्रा को आरामदायक एवं सुरक्षित बनाने के लिए रेल मदद पर मॉनिटरिंग बढ़ा दी है।
इसके लिए रेलमंत्री अश्विनी वैष्णव ने रेलवे बोर्ड, जोनल और मंडल स्तर पर वॉर रूम बनाने के निर्देश दिए हैं। इसके बाद उत्तर पश्चिम रेलवे के जीएम अमिताभ के निर्देश पर मुख्यालय सहित चारों मंडलों में वॉर रूम बनाया गया है, जहां पर कॉमर्शियल, ऑपरेटिंग, मैकेनिकल व आरपीएफ सहित सभी विभागों के कर्मचारी तैनात किए गए हैं, जो यात्रियों द्वारा की गई शिकायतों का त्वरित समाधान करते हैं। वहीं, अधिकारी भी समय-समय पर इसकी मॉनिटरिंग करते हैं। अभी देश में सबसे अधिक और पॉजिटिव फीडबैक के लिए राजस्थान यानी उत्तर पश्चिम रेलवे पहली रैंक पर काबिज है। रेलवे बोर्ड के एक वरिष्ठ अधिकारी बताते है कि बोर्ड स्तर पर हो रही मॉनिटरिंग में रोज टॉप-3 और बॉटम-3 जोन, मंडल और ट्रेनों को रैंक दी जाती है। ऐसे में रोज रैंक बदल जाने की वजह से सभी ने इस पर विशेष ध्यान दिया हुआ है।
30 मिनट में होगा शिकायत का समाधान
उत्तर पश्चिम रेलवे के जयपुर, जोधपुर, बीकानेर और अजमेर मंडल में आ रही शिकायतों का औसतन 30 मिनट में समाधान किया जा रहा है। रेलवे के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि रेल मदद यानी टोल फ्री नंबर-139 पर ट्रेन में यात्रा कर रहा कोई भी यात्री अपनी शिकायत दर्ज करा सकता है। शिकायत का समाधान जल्दी से जल्दी करने के निर्देश दिए हुए हैं। सीपीआरओ कैप्टन शशि किरण के अनुसार 1 अप्रैल से 1 जुलाई तक उत्तर पश्चिम रेलवे को रेल मदद पर 37977 शिकायतें मिलीं। इन सभी शिकायतों का समाधान किया गया।