More
    Homeबिजनेसजीएसटी अपडेट के बाद आए कन्फ्यूजन के मामले, 3981 शिकायतें रिपोर्ट हुईं

    जीएसटी अपडेट के बाद आए कन्फ्यूजन के मामले, 3981 शिकायतें रिपोर्ट हुईं

    व्यापार: 22 सितंबर 2025 से नेक्स्ट-जेनरेशन जीएसटी सुधार 2025 लागू होने से भारत की कर प्रणाली में एक क्रांतिकारी बदलाव आया है। इसका उद्देश्य कर ढांचे को सरल बनाना और यह सुनिश्चित करना है कि तर्कसंगत कर दरों का लाभ उपभोक्ताओं तक पहुंचे। इसी के तहत नेशनल कंज्यूमर हेल्पलाइन (एनसीएच) को अब तक जीएसटी से संबंधित 3,981 शिकायतें मिली हैं। इनमें 31 प्रतिशत सवाल और 69 प्रतिशत वास्तविक शिकायतें शामिल हैं। भारत सरकार का उपभोक्ता मामले का विभाग इन शिकायतों के जल्द समाधान और स्पष्टीकरण के लिए उन पर बारीकी से नजर रख रहा है।

    ब्रांड मालिकों और ई-कॉमर्स कंपनियों को भेजी जा रही शिकायतें
    उपभोक्ता मामलों के विभाग ने एनसीएच के मल्टी-चैनल शिकायत निवारण प्रणाली के जरिये उपभोक्ताओं को जीएसटी से संबंधित शिकायतों को सीधे दर्ज करने की सुविधा दी है। त्वरित कार्रवाई के लिए शिकायतों को संबंधित ब्रांड मालिकों और ई-कॉमर्स कंपनियों को भेजा गया है।

    दूध, पेट्रोल और इलेक्ट्रॉनिक सामान पर सबसे ज्यादा भ्रांति
    एनसीएच को मिली शिकायतों का एक बड़ा हिस्सा दूध की कीमत से संबंधित है। उपभोक्ताओं ने एनसीएच से शिकायत की कि जीएसटी सुधार के बाद भी दूध कंपनियां कम दर का लाभ नहीं दे रही हैं। जांच में केंद्रीय उपभोक्ता संरक्षण प्राधिकरण (सीसीपीए) ने पाया कि ताजा दूध पहले से ही छूट प्राप्त था और यूएचटी दूध को हाल ही में छूट दी गई है।

    इसके बाद इलेक्ट्रॉनिक सामानों से जुड़ी शिकायतों का एक और बड़ा हिस्सा और था। ग्राहकों ने शिकायत की कि लैपटॉप, फ्रिज, वॉशिंग मशीन जैसे ऑनलाइन खरीदे गए टिकाऊ सामानों पर पुरानी जीएसटी दरें लागू हैं। सीसीपीए ने स्पष्ट किया कि टीवी, मॉनिटर, एसी पर जीएसटी दर 28 प्रतिशत से घटाकर 18 प्रतिशत की गई थी, जबकि लैपटॉप और फ्रिज पहले से ही 18 प्रतिशत जीएसटी के दायरे में हैं।

    latest articles

    explore more

    LEAVE A REPLY

    Please enter your comment!
    Please enter your name here