10 से 12 अक्टूबर तक चलेगी राष्ट्रीय संगोष्ठी
मिशनसच न्यूज, जयपुर । श्री साधुमार्गी शान्त क्रान्ति जैन श्रावक संघ, जयपुर एवं केंद्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय, जयपुर परिसर की जैन दर्शन विद्या शाखा एवं प्राकृत अध्ययन-अनुसंधान केन्द्र के संयुक्त तत्त्वावधान में “आगम की बहुआयामी व्याख्या-पद्धति एवं अर्थ-प्रकाश कार्यशाला” विषय पर तीन दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठि आयोजित की जा रही है। संघ संरक्षक प्रदीप गुगलिया ने बताया की यह संगोष्ठी हुक्मगच्छाधिपति, नानेश पट्टधर, शांत क्रांति संघ अधिनायक परम् पूज्य 1008 आचार्य श्री विजयराज जी म.सा.आदि ठाणा की पावन निश्रा में 10 से 12 अक्टूबर को नवकार भवन ,जयपुर में आयोजित की जा रही है। जिसमे देशभर के प्रख्यात विद्वान, शोधार्थी एवं अध्यापक भाग लेंगे।
आयोजन सचिव डॉ. रोहित कुमार जैन ने बताया कि इस संगोष्ठि का उद्देश्य जैन आगम के गूढ़ और बहुआयामी अर्थों को आधुनिक दृष्टिकोण से समझना और परंपरागत व्याख्या पद्धति को समकालीन संदर्भों से जोड़ना है। संगोष्ठी पारंपरिक जैन शिक्षाओं और आधुनिक ज्ञान-विज्ञान के बीच एक सेतु का कार्य करेगी। यह न केवल अकादमिक शोध को नई दिशा देगी बल्कि नैतिक जीवन, मानसिक स्वास्थ्य और आध्यात्मिक विकास के लिए माँर्ग प्रशस्त करेगी। जयपुर संघ अध्यक्ष महेश दस्सानी ने बताया कि इस संगोष्टी मे ख्यातिप्राप्त विद्धवान जिनमे प्रो.जगतराम भटटाचार्य, प्रो.धर्मचंद जैन, प्रो सुषमा सिंघवी, प्रो. श्रेयांश सिंघई, प्रो.दीपक श्रीवास्तव, प्रो.प्रभात कुमार दास,प्रो राम कुमार अमित कल्ला ,डॉ श्वेता जैन आदि प्रमुख विषय विशेषज्ञ शामिल होंगे।
आयोजन सचिव डॉ श्रुति जैन एवं समन्वयक नेहा डेडिया ने बताया कि इस संगोष्ठि के अंतर्गत आगम में निहित सामाजिक और नैतिक सिद्धांतों का अन्वेषण , मानसिक स्वास्थ्य और आत्मविकास हेतु आगम गर्भित मनोवैज्ञानिक चिंतन, DISC based Mind Engineering के आधार पर व्यक्तित्व विश्लेषण एवं अर्थ-प्रकाश कार्यशाला’ विशेष आकर्षण का केंद्र रहेगी। इस कार्यशाला में प्रतिभागी व्याख्या-पद्धति को व्यवहारिक रूप से सीखेंगे।
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