दौसा: आपने अकसर भगवान के नाम से कोर्ट में केस रजिस्टर होते हुए सुना और देखा होगा। भगवान के नाम पर लोगों को केस लड़ते और अधिकार जमाते हुए भी सुना होगा, लेकिन जिले के गादरवाड़ा गांव से एक ऐसा मामला सामने आया है, जिसे सुनकर आप हैरान रह जाएंगे। यहां सिंहासन में बैठकर खुद भगवान ही कलक्टरी में जन सुनवाई में पहुंच गए। ये नजारा देखकर हर कोई हैरान रह गया।
जन सुनवाई में पहुंचे भगवान
दरअसल होने वाली जन सुनवाई में लोग अपनी समस्याएं कलेक्टर के पास लेकर पहुंचते हैं, लेकिन सोचिए अगर जन सुनवाई में खुद भगवान अपनी समस्या लेकर पहुंच जाएं तो क्या होगा? ग्राम गादरवाडा ब्राह्मणान में मंदिर माफी की जमीन का रास्ता बंद करने के विरोध में पुजारी और ग्रामीण ठाकुरजी को कलेक्ट्रेट लेकर पहुंच गए। ग्रामीणों ने कलेक्टर को ज्ञापन भी सौंपा।
ग्रामीणों का कहना था कि गादरवाड़ा ब्राह्मणान से बास-गुढ़लिया सड़क को जोड़ते हुए खाता संख्या 21 में जाने वाला कच्चा आम रास्ता मालियों की ढाणी के लोगों ने अवरुद्ध कर दिया है। इस खाता संख्या के पास खसरा नंबर 34 (सिवाय चक) है। जिस पर भी इन लोगों ने पूर्णतया कब्जा किया हुआ है। भगवान सीतारामजी के मंदिर की सेवा पूजा करने से पीड़ित परिवार का जीवनयापन होता है। खसरा नं. 21 में 14 खातेदार (2) विधवा और 2 बी.पी.एल हैं। प्रधानमंत्री खाद्य सुरक्षा से कुछ राशन प्राप्त होने से राहत मिल रही है, वरना पीड़ित परिवार का गुजारा करना भारी पड़ जाता है।
पुजारी लल्लूराम शर्मा ने बताया कि मालियों की ढाणी से बांदीकुई तहसील में दो पटवारी कार्यरत हैं, जिन्होंने सभी लोगों को गुमराह किया हुआ है। उक्त दोनों पटवारी अपने आप को एसडीएम, बांदीकुई बताते हैं। ऐसे में लडाई-झगडे़ की आशंका बनी हुई है, जिससे जमीन पर खेती करना भी असंभव हो चुका है।
प्रशासन के सभी लोग सरपंच, तहसीलदार, एसडीएम, कलेक्टर और मुख्यमंत्री को भी लिखित में अवगत कराने बावजूद उनके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की गई है। रेलवे के ठेकेदार द्वारा मिलीभगत से मालियों की ढाणी के लिए रेलवे लाइन के पास से रास्ता दिया गया है। जिससे विवाद की स्थिति उत्पन्न है। ग्राम गादरवाडा ब्राह्मणान को भी खसरा नं. 34 के नजदीक मौजूद रेलवे फाटक संख्या 164 और 165 के बीच में से रास्ता दिया जाए अन्यथा आंदोलन कर आत्मदाह किया जाएगा।
यह है पूरा मामला
दरअसल बांदीकुई तहसील में आने वाले गादरवाड़ा गांव से जुड़ा हुआ है। इस गांव में सीतारामजी का मंदिर बना हुआ है, जिसके नाम मंदिर माफी की जमीन है जिस पर आने जाने के लिए बने रास्ते पर कुछ लोगों ने कब्जा कर बंद कर दिया, जिसका मंदिर के पुजारियों ने विरोध किया। पुजारी इस मुद्दे को लेकर बांदीकुई उपखण्ड के अधिकारियों के चक्कर काट करे थे, लेकिन उनकी कहीं कोई सुनवाई नहीं हो रही थी। ऐसे में मंदिर के पुजारी मजबूर होकर सीतारामजी की मूर्ति लेकर आज जनसुनवाई में पहुंचे। पुजारियों ने कलेक्टर देवेंद्र कुमार को पूरा मामला सुनाते हुए कहा कि वह पिछले कई महीनों से न्याय पाने के लिए दर-दर भटक रहे हैं, इसलिए अब उचित कार्रवाई की जाए। पुजारियों का कहना है कि मंदिर की जमीन पर जाने वाले रास्ते को दबंगों से छुड़वाया जाए। वहीं मामले में कलेक्टर ने जांच की बात कही है।