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    प्रिंसिपल के थप्पड़ के एक महीने बाद छात्रा की मौत, ग्रामीणों में आक्रोश

    गढ़वा: झारखंड के गढ़वा जिले में बीते 15 सितंबर को स्कूल की महिला प्रिंसिपल ने एक छात्रा को जोरदार थप्पड़ मार दिया था. इस घटना के छात्रा डिप्रेशन में चली गई और उसकी तबीयत बिगड़ते चली गई. अब एक महीने बाद अस्पताल में भर्ती उस छात्रा की मौत हो गई है. छात्रा की मौत से परिजन सदमे में हैं. उनके आंखों से आंसू रुकने का नाम नहीं ले रहा है. वहीं, मोहल्लेवालों ने प्रिंसिपल को सख्त से सख्त सजा देने की मांग की है.

    यह मामला गढ़वा जिले के बरगढ़ थाना क्षेत्र स्थित एक सरकारी स्कूल का है. 15 सितंबर को कक्षा आठ की छात्रा दिव्या कुमारी स्कूल पहुंची, लेकिन उसने निर्धारित स्कूल यूनिफॉर्म के जूतों की जगह चप्पल पहन रखी थी. स्कूल की प्रभारी प्रधानाचार्या द्रौपदी मिंज ने यह देखकर नाराज़गी जताई. उन्होंने छात्रा को नियमों का हवाला देते हुए समझाया कि चप्पल स्कूल के ड्रेस कोड में शामिल नहीं है. इसी दौरान उन्होंने कथित रूप से छात्रा को डांटा और थप्पड़ भी मार दिया.

    डिप्रेशन में चली गई छात्रा
    थप्पड़ की घटना के बाद दिव्या घर लौट आई. शुरू में उसने किसी तरह की शारीरिक तकलीफ की शिकायत नहीं की, लेकिन कुछ दिनों बाद उसकी तबीयत बिगड़ने लगी. परिवार के मुताबिक, वह मानसिक रूप से परेशान रहने लगी और धीरे-धीरे अवसाद (डिप्रेशन) की शिकार हो गई. जब उसकी हालत और बिगड़ी, तो परिवार ने उसे डाल्टनगंज के एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया. वहां स्थिति गंभीर होने पर डॉक्टरों ने उसे रांची के राजेंद्र आयुर्विज्ञान संस्थान (RIMS) रेफर कर दिया. लगभग एक महीने तक इलाज चला, लेकिन 14 अक्टूबर को दिव्या ने दम तोड़ दिया.

    छात्रा की मौत की खबर फैलते ही इलाके में आक्रोश फैल गया. दिव्या के परिजनों ने बरगढ़ थाने में प्रधानाचार्या के खिलाफ लिखित शिकायत दर्ज कराई, जिसमें मानसिक प्रताड़ना और शारीरिक हिंसा के आरोप लगाए गए. वहीं, गांव के लोगों ने छात्रा के शव को सड़क पर रखकर चक्का जाम कर दिया और स्कूल प्रबंधन के खिलाफ नारेबाजी शुरू कर दी.

    दोषी पर सख्त कार्रवाई की मांग
    परिजन का आरोप था कि द्रौपदी मिंज के व्यवहार और दबाव के कारण ही दिव्या ने मानसिक संतुलन खो दिया, जिससे उसकी मौत हुई. स्थिति बिगड़ती देख गढ़वा पुलिस और जिला प्रशासन के अधिकारी मौके पर पहुंचे. उन्होंने प्रदर्शनकारियों को समझाने की कोशिश की और भरोसा दिलाया कि मामले की निष्पक्ष जांच की जाएगी तथा दोषियों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी. अधिकारियों के आश्वासन के बाद ग्रामीणों ने जाम खत्म कर दिया.

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