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    बिहार चुनाव से बाहर हुई झारखंड मुक्ति मोर्चा, कांग्रेस और RJD पर धोखा देने का आरोप

    नई दिल्ली: झारखंड मुक्ति मोर्चा (JMM) बिहार विधानसभा चुनाव (Bihar Assembly Elections) से बाहर हो गई है. झारखंड के मंत्री सुदिव्य कुमार सोनू ने इसकी जानकारी दी है. उन्होंने महागठबंधन के प्रमुख दल कांग्रेस और आरजेडी पर धोखा देने का आरोप लगाया है. मंत्री ने कहा कि झामुमो इसका बदला जरूर लेगी. उन्होंने कहा कि पार्टी अब न तो बिहार विधानसभा चुनाव लड़ेगी और न ही महागठबंधन के किसी भी प्रत्याशी के प्रचार में भाग लेगी. माना जा रहा है कि आने वाले झारखंड विधानसभा चुनाव में हेमंत सोरेन महागठबंधन से इसका बदला लेंगे.

    झारखंड की हेमंत सोरेन सरकार में मंत्री सुदिव्य कुमार सोनू ने सोमवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान कहा कि बिहार में कांग्रेस और राजद ने गठबंधन धर्म का पालन नहीं किया. इन दोनों दलों ने उनके साथ राजनीतिक चालबाजी कर चुनावी मैदान में उतरने से रोका है. यह जेएमएम का नहीं, बल्कि झारखंड की जनता और आदिवासी जनता का अपमान है. उन्होंने कांग्रेस और राजद पर कांग्रेस पर राजनीतिक धोखा और अपमान करने का आरोप लगाया है.

    मंत्री सुदिव्य कुमार सोनू ने झारखंड में सीएम हेमंत सोरेन ने आरेजेडी को सम्मान दिया था. उनकी पार्टी के विधायक को अपनी सरकार में मंत्री बनाया है. आरजेडी को हर सम्मान से नवाजा गया, लेकिन उन्हें इसका सिला नहीं मिला. राजद ने बिहार में उन्हें न तो सम्मान दिया और न ही उचित सीटें दी गईं. उन्होंने आरोप लगाया कि राष्ट्रीय जनता दल (RJD) ने जानबूझकर जेएमएम को चुनाव से दूर रखने के लिए चाल चली है.

    मंत्री ने कहा कि 2019 में राष्ट्रीय जनता दल का झारखंड में एक ही विधायक था, फिर भी हमने उसे सम्मान दिया. आज चार विधायक होने के बाद भी उन्हें सरकार में जगह दी गई. इसके बाद भी उनके साथ राजद ने इस तरह बर्ताव किया. राजद ने बड़े ही शातिर तरीके से झारखंड मुक्ति मोर्चा को बिहार विधानसभा चुनाव से बाहर होने पर मजबूर किया है. आने वाले दिनों में राजद को इसकी राजनीतिक कीमत चुकानी होगी.

    जेएमएम के बिहार विधानसभा चुनाव से बाहर होने के बाद महागठबंधन में दरार एक बड़ी दरार पड़ गई है. इस पर मंत्री सुदिव्य कुमार सोनू ने स्पष्ट कहा कि अब पार्टी बिहार में महागठबंधन से अलग होकर अपनी राजनीतिक रणनीति बनाएगी. उन्होंने कहा कि झारखंड में भी गठबंधन पर दोबारा समीक्षा की जाएगी. यह दोहरी नीति अब नहीं चलेगी. एक तरफ झारखंड में हमारी ताकत से सरकार चले और दूसरी तरफ बिहार में हमें धोखा दिया जाए. अब यह स्वीकार नहीं किया जाएगा. बिहार में धोखा देने वालों को भविष्य में इसका खामियाजा भुगतना पड़ेगा.

    बिहार विधानसभा चुनाव में JMM के इस फैसले ने राजनीतिक गलियारों में हलचल मचा दी है, क्योंकि पार्टी ने मात्र दो दिन पहले अपने केंद्रीय महासचिव और प्रवक्ता सुप्रियो भट्टाचार्य के माध्यम से 6 सीटों पर अकेले चुनाव लड़ने का ऐलान किया था. फिर आखिर एकाएक ऐसा क्या हुआ जो इन्हें इस तरह का फैसला लेना पड़ा.

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