अमेरिका के ईरान पर हमले के बाद बदले हालात…

वाशिंगटन/तेहरान/तेलअवीव/मास्को। ईरान और इजरायल के बीच जारी जंग में अब अमेरिका भी खुलकर शामिल हो गया है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा कि अमेरिका ने ईरान की तीन बड़ी परमाणु साइट्स – फोर्डो, नतांज और इस्फहान पर सफलतापूर्वक हवाई हमला किया है। ट्रंप के मुताबिक, लड़ाकू विमानों ने फोर्डो को प्रमुख रूप से निशाना बनाते हुए बमबारी की और अब सभी विमान सुरक्षित लौट चुके हैं। उन्होंने इसे अमेरिका की सैन्य ताकत की मिसाल बताया और कहा कि अब शांति का समय है। अमेरिका के हमले के जवाब में ईरान ने इजराइल पर मिसाइलें दागीं हैं। इस्लामिक रिवोल्यूशनरी गाड्र्स कॉप्र्स ने कहा कि उन्होंने इजराइल पर सबसे बड़ा अटैक किया है और 14 अहम ठिकानों को निशाना बनाया है। इससे मिडिल ईस्ट में तीसरे विश्वयुद्ध की गूंज सुनाई देने लगी है।
अमेरिका ने रविवार को तडक़े सुबह ईरान के खिलाफ एक बेहद गुप्त और बड़ी सैन्य कार्रवाई की। इस ऑपरेशन का नाम ऑपरेशन मिडनाइट हैमर रखा गया था। पेंटागन के मुताबिक, इस ऑपरेशन में अमेरिका के 125 से ज्यादा लड़ाकू विमान और मिसाइलें शामिल थीं। संयुक्त चीफ ऑफ स्टाफ के प्रमुख जनरल डैन केन ने रविवार को बताया कि यह हमला ईरान के दो प्रमुख परमाणु केंद्रों- फोर्दो और नतांज-  पर किया गया। इसके साथ ही इस्फहान शहर में भी मिसाइलें दागी गईं। जनरल डैन केन ने कहा कि हमने ईरान के उन ठिकानों को निशाना बनाया जो सीधे उनके परमाणु कार्यक्रम से जुड़े थे। ऑपरेशन को इस तरह अंजाम दिया गया कि आम नागरिकों को नुकसान न पहुंचे।
अमेरिकी हमले के बाद हाइफा और तेल अवीव के मिलिट्री और रिहायशी ठिकानों पर ईरानी मिसाइलें गिरी हैं। इजराइल में अब तक 86 लोगों के घायल होने की जानकारी सामने आई है। इस बीच पीएम मोदी ने ईरान के राष्ट्रपति मसूद पजशकियान से फोन पर बात की। इसकी जानकारी देते हुए उन्होंने एक्स पर लिखा- हमने मौजूदा हालात पर विस्तार से चर्चा की। हाल की घटनाओं में बढ़ते तनाव पर गहरी चिंता जताई। हालात को तुरंत शांत करने, बातचीत और कूटनीति को आगे बढ़ाने की जरूरत है। अमेरिका ने ईरान के परमाणु कार्यक्रम को निशाना बनाकर एक बड़ा सैन्य ऑपरेशन शुरू किया। 21 जून को अमेरिकी नौसेना की गाइडेड-मिसाइल पनडुब्बी एसएस जॉर्जिया ने 30 टोमाहॉक लैंड अटैक मिसाइलें ईरान के दो प्रमुख परमाणु ठिकानों नतांज और इस्फहान पर दागीं। इसके साथ ही, बी-2 स्पिरिट स्टील्थ बॉम्बर ने नतांज पर दो जीबीयू-57 मैसिव ऑर्डनेंस पेनेट्रेटर बम गिराए। यह हमला ईरान के परमाणु महत्वाकांक्षाओं को रोकने और इजरायल की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए किया गया।

लगातार गरज रही मिसाइलें
अमेरिका द्वारा ईरान के परमाणु ठिकानों पर बमबारी के कुछ घंटों बाद ही, ईरान ने रविवार सुबह इजरायल पर मिसाइलों की नई बारिश कर दी। इस हमले में कम से कम 11 लोगों के घायल होने की खबर है। इजरायली मीडिया के मुताबिक, देश के कई हिस्सों में ईरानी हमलों के कारण धमाकों की आवाजें सुनी गईं।  केंद्रीय इजरायल में एक के बाद एक कई धमाके हुए। हमले से प्रभावित इलाकों में तेल अवीव, हाइफा, नेस जियोना और रिशोन लेजियोन शामिल हैं। रिपोर्टों के मुताबिक, ईरान ने कम से कम 30 बैलिस्टिक मिसाइलें दागीं, जिनमें से 10 ने उत्तरी और मध्य इजरायल में प्रभाव छोड़ा।

रूस ने दी हिदायत
 रूस के पूर्व राष्ट्रपति और सुरक्षा परिषद के उपाध्यक्ष दिमित्री मेदवेदेव ने एक चौंकाने वाला बयान दिया, जिसमें उन्होंने दावा किया कि कई देश ईरान को अपने परमाणु हथियार सीधे देने के लिए तैयार हैं। यह बयान अमेरिका द्वारा 21 जून 2025 को ईरान के तीन परमाणु ठिकानों फोर्डो, नतांज और इस्फहान पर रात में किए गए हमलों के जवाब में आया। मेदवेदेव ने कहा कि ये हमले ईरान के परमाणु कार्यक्रम को रोकने में नाकाम रहे और मध्य पूर्व में तनाव को और बढ़ा दिया। उन्होंने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को शांति का राष्ट्रपति से युद्ध शुरू करने वाला बताकर तीखी आलोचना की।

परमाणु ढांचे को मामूली नुकसान
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने दावा किया कि इन हमलों ने ईरान के परमाणु ठिकानों को पूरी तरह नष्ट कर दिया। लेकिन मेदवेदेव ने इसे खारिज करते हुए कहा कि फोर्डो, नतांज और इस्फहान के परमाणु ईंधन चक्र के महत्वपूर्ण ढांचे या तो अप्रभावित रहे या उन्हें केवल मामूली क्षति हुई। अंतरराष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी ने पुष्टि की कि कोई रेडियोधर्मी रिसाव नहीं हुआ। केवल छह इमारतें क्षतिग्रस्त हुईं। ईरानी मीडिया ने दावा किया कि समृद्ध यूरेनियम को पहले ही सुरक्षित स्थानों पर ले जाया गया था।

परमाणु हथियार उत्पादन जारी
मेदवेदेव ने कहा कि ईरान का यूरेनियम संवर्धन कार्यक्रम रुका नहीं है। अब खुलकर कहा जा सकता है कि परमाणु हथियारों का भविष्य में उत्पादन जारी रहेगा। फोर्डो में 83.7 प्रतिशत तक समृद्ध यूरेनियम मौजूद है, जो परमाणु हथियार के लिए जरूरी 90 प्रतिशत के करीब है। मेदवेदेव का सबसे चौंकाने वाला दावा यह है कि कई देश ईरान को अपने परमाणु हथियार देने के लिए तैयार हैं। हालांकि, उन्होंने इन देशों के नाम नहीं बताए। यह दावा परमाणु अप्रसार संधि के लिए खतरा है। वैश्विक परमाणु हथियारों की दौड़ को बढ़ावा दे सकता है।

इजरायल पर हमले और दहशत
ईरान की इस्लामिक रिवॉल्यूशनरी गार्ड कॉप्र्स ने जवाबी कार्रवाई में इजरायल पर 20वीं मिसाइल लहर शुरू की, जिसमें खैबर शेकन मिसाइलों का उपयोग हुआ। इन हमलों ने बेन गुरियन हवाई अड्डे और सैन्य ठिकानों को निशाना बनाया, जिससे इजरायल में दहशत फैल गई। तेल अवीव और हाइफा जैसे शहरों में विस्फोट हुए, स्कूल बंद हुए, और लोग बंकरों में छिपे।

पहली बार निकाली खैबर शेकेन मिसाइल
ईरानी सशस्त्र बलों ने दावा किया कि उन्होंने पहली बार खैबर-शेकेन नाम की उन्नत बैलिस्टिक मिसाइल का इस्तेमाल किया है। इस मिसाइल से उन्होंने इजरायल के बेन गुरियन एयरपोर्ट, एक जैविक अनुसंधान केंद्र और वैकल्पिक कमांड व कंट्रोल केंद्रों को निशाना बनाया। ईरान के मुताबिक, इन मिसाइलों की खासियत यह है कि ये दुश्मन के एडवांस्ड डिफेंस सिस्टम को चकमा देने में सक्षम हैं।  खैबर शेकन ईरान की सबसे आधुनिक और शक्तिशाली मध्यम दूरी की बैलिस्टिक मिसाइलों में से एक है। इसका नाम सातवीं सदी की खैबर की लड़ाई से प्रेरित है, जो इस्लामिक इतिहास में एक महत्वपूर्ण युद्ध था। यह मिसाइल ईरान की सैन्य ताकत का प्रतीक है। इसे विशेष रूप से दुश्मन के हवाई रक्षा तंत्र को चकमा देने के लिए डिजाइन किया गया है। खैबर शेकन मिसाइल का इस्तेमाल ईरान की सैन्य रणनीति में एक बड़ा बदलाव दर्शाता है। यह मिसाइल न केवल इजरायल के रक्षा तंत्र को चुनौती देती है, बल्कि ईरान की तकनीकी उन्नति को भी प्रदर्शित करती है। इस मिसाइल ने इजरायल के रक्षा तंत्र को आपस में टकराने के लिए मजबूर किया, जिससे कई मिसाइलें अपने लक्ष्य तक पहुंचीं। हालांकि, इजरायल ने कहा कि उसने अधिकांश मिसाइलों को रोक लिया, और उसके सैन्य अड्डों को कोई बड़ा नुकसान नहीं हुआ।  

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here