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    Homeबिजनेसअदाणी का शेयरधारकों को पत्र, हिंडनबर्ग रिसर्च पर उठाया बड़ा मुद्दा

    अदाणी का शेयरधारकों को पत्र, हिंडनबर्ग रिसर्च पर उठाया बड़ा मुद्दा

    व्यापार: हिंडनबर्ग रिसर्च ने सिर्फ अदाणी समूह को ही नहीं, बल्कि पूरे भारत को निशाना बनाया है। अदाणी समूह के मुखिया गौतम अदाणी ने बुधवार को कंपनी के शेयरधारकों को लिखे एक पत्र में यह बात कही है। अदाणी ने पत्र में अपने समूह को सेबी से मिली राहत की भी सराहना की।

    बंदरगाहों से लेकर बिजली तक कारोबार करने वाले इस अरबपति समूह के संस्थापक ने बुधवार को शेयरधारकों को लिखे एक पत्र में कहा, "यह रिपोर्ट सिर्फ अदाणी समूह की आलोचना नहीं थी। यह वैश्विक स्तर पर सपने देखने के भारतीय उद्यमों के साहस को सीधी चुनौती थी।

    अदाणी ने कहा, "समूह के लिए यह एक ऐसे परीक्षण की शुरुआत थी जिसने हमारी लचीलेपन के हर आयाम को प्रभावित किया। इसने हमारे शासन, हमारे उद्देश्य और यहां तक कि इस विचार पर भी सवाल उठाया कि भारतीय कंपनियां पैमाने और महत्वाकांक्षा के मामले में दुनिया का नेतृत्व करने का साहस कर सकती हैं।"

    अदाणी-हिंडनबर्ग मामले में सेबी ने क्या कहा है?
    18 सितंबर को शेयर बाजार नियामक भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी) से अदाणी समूह और गौतम अदाणी को राहत मिली है। नियामक ने इन्हें 2023 की शुरुआत में अब बंद हो चुके अमेरिकी शॉर्ट सेलर हिंडनबर्ग रिसर्च की ओर से लगाए गए अनियमितताओं के आरोपों से मुक्त कर दिया है। समूह को स्टॉक में हेराफेरी और संबंधित पक्ष के लेन-देन का खुलासा न करने से जुड़े दो मामलों में सेबी की ओर से बरी कर दिया गया है। 

    गौतम अदाणी ने पत्र में आगे कहा, "सेबी के स्पष्ट और अंतिम वचन के साथ, सत्य की जीत हुई है, या जैसा कि हम हमेशा कहते आए हैं, 'सत्यमेव जयते' (सत्य की ही जीत होगी)। जिसका उद्देश्य हमें कमजोर करना था, उसने हमारी नींव को और मजबूत कर दिया है।" 

    अदाणी समूह की कंपनियों पर क्या आरोप थे?
    जानकारी के अनुसार इन मामलों में अदाणी एंटरप्राइजेज लिमिटेड, अदाणी पोर्ट्स लिमिटेड, अदाणी एनर्जी लिमिटेड और अदाणी पावर लिमिटेड की ओर से कुछ शेयरधारकों को गलत तरीके से सार्वजनिक शेयरधारकों के रूप में वर्गीकृत करने के आरोप शामिल थे। अदाणी समूह की इन कंपनियों ने अपने नवीनतम वित्तीय विवरणों में बताया था कि सेबी गलत वर्गीकरण के आरोपों की जांच कर रहा है।

    गौतम अदाणी ने पत्र में कहा, "इसका (हिंडनबर्ग रिपोर्ट) उद्देश्य हमें चोट पहुंचाना था, पर वह हमारी नींव को मजबूत करके के मामले में एक निर्णायक मोड़ बन गया है…यह आपका विश्वास ही था जिसने हमें स्थिर रखा, आपका धैर्य जिसने हमें संभाला और आपका विश्वास जिसने हमें साहस दिया। इस असाधारण समर्थन के लिए, मैं आपका तहे दिल से आभारी हूं।"

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