More

    अमेरिका को जल्दबाज़ी, लेकिन भारत नहीं होगा झुकने को तैयार

    नई दिल्ली। भारत और अमेरिका व्‍यापार समझौते के लिए चल रही बातचीत अटकी हुई है। अमेरिका जहां यह समझौता जल्‍द करने के मूड में है, वहीं भारत इसमें जल्दबाजी नहीं चाहता है और उसने साफ कर दिया है कि वह अपने हितों से समझौता नहीं करेगा। 26 फीसदी टैरिफ के संभावित खतरे के बावजूद भारत किसी भी हालत में झुकेगा नहीं। टैरिफ के लिए ट्रंप द्वारा रखी गई डेडलाइन 9 जुलाई को खत्म हो रही है। अगर दोनों देशों के बीच समझौता नहीं होता है तो अमेरिका भारतीय आयात पर 26 फीसदी टैरिफ लगा सकता है।
    मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक दोनों देशों के बीच बातचीत 50-50 के स्तर पर पहुंच चुकी है। भारत किसी भी तरह की “डेस्परेट डील” करने के मूड में नहीं है। अधिकारियों ने बताया कि भारत “विन-विन” स्थिति बनाना है, जिससे डील से दोनों देशों को लाभ हो सके। अमेरिका भारत से खाद्य और कृषि जैसे क्षेत्र खोलने की मांग कर रहा है, लेकिन भारत ऐसा करने के लिए राजी नहीं है। अमेरिका चाहता है कि यह अंतरिम समझौता केवल कृषि तक सीमित न रहे, बल्कि इसमें सरकारी खरीद, बौद्धिक संपदा अधिकार, सीमा शुल्क और डिजिटल व्यापार जैसे अहम विषय भी शामिल हों।
    वहीं भारत चाहता है कि अमेरिका 26 फीसदी प्रतिस्पर्धात्मक टैरिफ को पूरी तरह वापस ले। भले ही यह टैरिफ 9 जुलाई तक स्थगित किया गया हो, लेकिन 10 फीसदी का आधार शुल्क अप्रैल से लागू है। भारत स्टील और एल्युमीनियम पर अमेरिका द्वारा लगाए गए 50 फीसदी शुल्क को भी हटवाना चाहता है। इस टैरिफ से भारतीय निर्यातकों को नुकसान उठाना पड़ रहा है।
    ऑटोमोबाइल और उससे जुड़े उपकरणों पर अमेरिका द्वारा लगाया गया 25 फीसदी टैरिफ भी भारत को मंजूर नहीं। भारत का लक्ष्य है कि इस समझौते का पहला व्यापक चरण 2025 के आखिर तक पूरा कर लिया जाए। अमेरिका भारत का सबसे बड़ा व्यापारिक साझेदार है। वहीं, भारत अमेरिका का 7वां सबसे बड़ा व्यापारिक साझेदार है। वित्त वर्ष 2025 में अमेरिका को भारत का निर्यात 36.33 बिलियन डॉलर यानी 3,15,889 करोड़ और आयात 29.86 बिलियन डॉलर यानी 2,59,632 करोड़ रुपए रहा। दोनों देशों ने 2030 तक द्विपक्षीय व्यापार को 500 बिलियन डॉलर तक बढ़ाने का लक्ष्य रखा है, जिसे ‘मिशन-500’ कहा जाता है।

    Latest news

    Related news

    LEAVE A REPLY

    Please enter your comment!
    Please enter your name here