सेना प्रमुख जनरल उपेंद्र पहुंचे कश्मीर, सुरक्षा संबंधी तैयारियों का लिया जायजा

नई दिल्ली। सेना प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने कश्मीर क्षेत्र का दौरे के दौरान सुरक्षा ग्रिड की व्यापक समीक्षा की। उन्होंने आगामी अमरनाथ यात्रा 2025 के लिए की जा रही सुरक्षा संबंधी तैयारियों का भी जायजा लिया। वरिष्ठ सैन्य अधिकारियों ने सेना प्रमुख को वर्तमान स्थिति और व्यापक रणनीतिक परिदृश्य से अवगत कराया। उन्हें अमरनाथ यात्रा 2025 के लिए की जा रही सुरक्षा व्यवस्था की जानकारी दी। इस दौरान सेना प्रमुख के समक्ष उन्नत तकनीकों के एकीकरण पर भी एक प्रस्तुति दी गई। इसका उद्देश्य निर्णय क्षमता, निगरानी और प्रतिक्रिया प्रणाली में और दक्षता लाना है।
जनरल द्विवेदी ने जम्मू कश्मीर में तैनात चिनार कॉर्प्स के सभी रैंकों की सराहना करते हुए कहा कि आतंकवाद विरोधी अभियानों के जरिए शांति और स्थिरता बनाए रखने में चिनार कॉर्प्स का योगदान बहुत सराहनीय रहा है। उन्होंने क्षेत्र के विकास और स्थानीय जनसंख्या के उत्थान के लिए की जा रही पहलों की भी तारीफ की।
बता दें पिछले दिनों ही सेना प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने उत्तराखंड के गढ़वाल क्षेत्र स्थित अग्रिम चौकियों का दौरा किया था। वह यहां तैनात जवानों से मिले थे। उन्होंने यहां तैनात सैनिकों से मुलाकात की और उनकी परिचालन व प्रशासनिक तैयारियों की समीक्षा की। सेना प्रमुख ने सीमावर्ती क्षेत्रों में तैनात जवानों के साहस, समर्पण और कर्तव्यनिष्ठा की तारीफ करते हुए उन्हें देश की सीमाओं की रक्षा में निरंतर सजग रहने के लिए प्रेरित किया। उन्होंने बलों को उच्चतम स्तर की तैयारी और सतर्कता बनाए रखने की जरुरत पर भी बल दिया था।
वहीं रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह 21 जून को जम्मू और कश्मीर में उधमपुर स्थित उत्तरी कमान में करीब 2,500 सैनिकों के बीच पहुंचे थे। इस दौरान रक्षा मंत्री ने भारतीय सेना द्वारा चलाए गए ऑपरेशन सिंदूर का जिक्र किया। यहां ऑपरेशन सिंदूर को आत्म नियंत्रण का एक शानदार उदाहरण बताते हुए राजनाथ सिंह ने कहा कि भारतीय सशस्त्र बलों ने ऑपरेशन के दौरान संयम, संतुलन और सटीकता का प्रदर्शन किया, जो योग के अभ्यास से प्राप्त उनकी आंतरिक शक्ति का प्रतिबिंब है। 
उन्होंने कहा कि पहलगाम आतंकी हमले के जरिए भारत की सामाजिक व सांप्रदायिक एकता को निशाना बनाया गया था और ऑपरेशन सिंदूर पाकिस्तान को यह स्पष्ट संदेश देता है कि उसे भारत के खिलाफ आतंकवादी गतिविधियों का समर्थन करने के परिणाम भुगतने होंगे।

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