आगरा: साल 2012 के एक मामले में अदालत ने विधायक चौधरी बाबूलाल समेत 12 लोगों को बरी कर दिया है। विधायक और अन्य लोगों पर हत्या की कोशिश समेत कई गंभीर धाराओं में मुकदमे दर्ज हुए थे। बुधवार को इस मामले में सुनवाई हुई। अभियोजन पक्ष गवाहों के आधार पर घटना को सिद्ध करने में विफल रहा। इसके अलावा स्वतंत्र गवाह के पेश न होने और चोट पर डॉक्टर की अलग राय ने भी अहम भूमिका निभाई। विशेष न्यायाधीश एमपी एमएलए लोकेश कुमार की कोर्ट ने संदेह का लाभ देते हुए विधायक चौधरी बाबूलाल समेत अन्य आरोपियों को बरी कर दिया। घटना 13 साल पुरानी है। वर्ष 2012 में किरावली क्षेत्र में दंगल का आयोजन हुआ था। बाउंड्री पर खड़े होकर लोग दंगल देख रहे थे। कागारौल के रहने वाले पहलवान हाकिम सिंह की बाउंड्री पर बैठे थे। अचानक हाकिम सिंह का हाथ ऊपर झूल रहे बिजली के तारों से चिपक गया। जिससे उसकी मौत हो गई। हाकिम सिंह को बचाने वाले जावेद भी बुरी तरह से घायल हो गए थे। हकीम की मौत पर गुस्सा आए लोगों ने सड़क पर शव रख कर जाम लगा दिया था।

पथराव, कांच की बोतल फेंक मारने का आरोप
मामले के अनुसार घटना के बाद करीब 700-800 लोगों की भीड़ जमा हो गई थी। प्रदर्शनकारियों ने जयपुर हाईवे पर शव रख कर जाम लगा दिया। फतेहपुर सीकरी से विधायक चौधरी बाबूलाल भीड़ का नेतृत्व कर रहे थे। मौके पर थानाध्यक्ष अछनेरा, कागारौल, मलपुरा समेत अन्य थाने की पुलिस फोर्स पहुंच गई। आरोप है कि आक्रोशित भीड़ को जब पुलिस ने समझाने का प्रयास किया तो प्रदर्शनकारियों ने पुलिस पर ईंट पत्थर और कांच की बोतलों से हमला कर दिया। इसमें कई पुलिसकर्मी गंभीर रूप से घायल हो गए थे। घटना के बाद तत्कालीन थाना अध्यक्ष सुधीर कुमार सिंह ने विधायक चौधरी बाबूलाल, हरपाल, बंटी प्रधान, बने सिंह पहलवान, दिनेश, ज्ञान सिंह, सत्येंद्र, पवन इंदौलिया समेत अन्य पर बलवा, हत्या की कोशिश, शासकीय कार्य में बाधा, 7 क्रिमिनल लॉ अमेंडमेंट एक्ट समेत धाराओं में केस दर्ज किया था।
अदालत ने किया बरी
बुधवार को विशेष न्यायाधीश एमपी एमएलए लोकेश कुमार की कोर्ट ने सुनवाई हुई। जिसमें साक्ष्यों के अभाव और स्वतंत्र गवाह के पेश न होने व चोट पर डॉक्टर की अलग राय को आधार मानते हुए जयपुर हाउस के रहने वाले विधायक चौधरी बाबूलाल, अबुआपुरा निवासी हरपाल, विजयपाल, किरावली निवासी पवन इंदौलिया, कृष्ण कुमार, हरेंद्र सिंह, सकतपुर निवासी बने सिंह पहलवान, रसूलपुर निवासी सत्येंद्र सिंह, बरौली अहीर के ज्ञान सिंह, जैंगारा के संतोष चाहर और बंटी प्रधान को बरी कर दिया है।
कोर्ट में डॉक्टर ने ये कहा
मामले में हुई सुनवाई के दौरान पुलिस कोर्ट में अपना स्वतंत्र गवाह पेश नहीं कर सकी। इसके अलावा बलवे में घायल हुए 3 पुलिसकर्मियों की चोट का मेडिकल कराया गया था। मेडिकल रिपोर्ट पर डॉक्टर ने कहा कि ऐसी चोट बाइक फिसलने पर भी लग सकती है। इस पर संदेह हुआ। जिसका लाभ देते हुए कोर्ट में आरोपियों को बरी कर दिया।


