बिहार : प्रधानमंत्री मोदी बिहार की जनता को एक बड़ी सौगात देने जा रहे हैं. पीएम मोदी शुक्रवार को NH-31 पर 8.15 किलोमीटर लंबे औंटा-सिमरिया पुल परियोजना का उद्घाटन करेंगे, जिसमें पवित्र गंगा नदी पर 1.865 किमी लंबे 6 लेन वाला पुल भी शामिल है. इस परियोजना का बजट करीब 1,870 करोड़ रुपये है. यह पुल मोकामा और बेगुसराय को सीधा जोड़ेगा.
इस पुल को सात दशक पुराने राजेंद्र सेतु के समानांतर बनाया गया है. पुराने पुल की हालत जर्जर होने की वजह से भारी वाहन यहां से नहीं निकल सकते और उन्हें दूरी तय करने के लिए लंबा चक्कर लगाना पड़ता था. नया पुल इस परेशानी को खत्म करेगा और ट्रैफिक जाम की भी समस्या कम होगी.
बेहतर कनेक्टिविटी करेगा प्रदान
पटना जिले के मोकामा और बेगूसराय के लोगों के लिए इस नये पुल का अलग ही महत्व होगा. यह पुल उत्तर बिहार (बेगूसराय, सुपौल, मधुबनी और अररिया) और दक्षिण बिहार (पटना, शेखपुरा, नवादा और लखीसराय आदि) के बीच तेज और सीधा संपर्क साधने में मदद करेगा. साथ ही यह पुल प्रसिद्ध तीर्थ स्थल सिमरिया धाम को भी बेहतर कनेक्टिविटी प्रदान करेगा. यह भारत का सबसे चौड़ा अतिरिक्त पुल होगा. इसका डिजाइन और निर्माण आधुनिक इंजीनियरिंग का बेहतरीन उदाहरण माना जा रहा है.
आर्थिक विकास को मिलेगा बढ़ावा
यह पुल बिहार के आर्थिक विकास के लिए एक महत्वपूर्ण कदम साबित होगा, खासकर उत्तर बिहार के लिए, जो कच्चे माल के लिए दक्षिण बिहार और झारखंड पर निर्भर है. साथ में यह पुल घरेलू उद्योगों और व्यापार को भी गति देगा. पुराने राजेंद्र सेतु की हालत खराब होने की वजह से किसानों और व्यापारियों को भारी वाहनों के जरिए अपने उत्पादों को बाजारों तक पहुंचाने में मुश्किल होती थी, लेकिन इस नए पुल के निर्माण से यह काम आसान हो जाएगा. इसीलिए यह पुल सिर्फ एक पुल नहीं बल्कि बिहार के आर्थिक विकास का माध्यम है.
बिहार के लोगों में दिखा उत्साह
इस पुल के निर्माण को लेकर बिहार की जनता काफी उत्साह दिख रहा है. बेगूसराय निवासी राम कुमार सिंह ने कहा कि प्रधानमंत्री आम आदमी की बड़ी सेवा कर रहे हैं. यह पुल पटना और बेगूसराय जिलों को करीब लाएगा, और लोगों को सुविधा प्रदान करेगा. उन्होंने कहा कि यह उन वाहनों के लिए यात्रा की दूरी को कम करेगा जो क्षतिग्रस्त पुल के कारण चक्कर लगाने के लिए मजबूर थे. वहीं मोनू राज कहते हैं कि बेगूसराय से पटना पहुंचने में 3 घंटे लगते थे, लेकिन अब हम 1.5 घंटे में पहुंचेंगे. उन्होंने कहा कि अब सिमरिया धाम में ज्यादा पर्यटक आएंगे. इसके साथ ही अन्य लोगों ने भी मोदी के द्वारा किए गए काम के प्रति अपना आभार जताया.
पुल बनाने के समय आईं कई समस्याएं
इस परियोजना के बारे में बात करते हुए NHAI अधिकारी एमएल योटकर ने बताया कि इस परियोजना के निर्माण में हमारी टीम को बहुत सारी चुनौतियों का सामना करना पड़ा. उन्होंने कहा कि यह एक निचला इलाका है, जहां हर साल बाढ़ का खतरा रहता है और इस बाढ़ की वजह से हर साल 7 से 8 महीने निर्माण ही कार्य संभव हो पाता है. बाढ़ की वजह से इन क्षेत्र के लोगों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है. उन्होंने यह भी कहा कि इस पुल से निर्माण से लोगों को काफी राहत मिलेगी.