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भाजपा धारावी को बना रही है जमीन घोटाले का अड्डा!..अडानी का विरोध तो करेंगे ही

मुंबई। धारावी दुनिया का सबसे बड़ा जमीन घोटाला बन सकता है, जिसे हम भाजपा को नहीं करने देंगे। साथ ही अडानी का तो विरोध करेंगे ही, इस तरह की चेतावनी शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) के नेता, युवासेनाप्रमुख व विधायक आदित्य ठाकरे ने सरकार को दी है। धारावी के मेघवाडी इलाके के सभी स्थानीय निवासियों ने कल आदित्य ठाकरे से मुलाकात की। इसके बाद मीडिया से बातचीत करते हुए उन्होंने यह बात कही। आदित्य ठाकरे ने कहा कि मेघवाडी के सभी स्थानीय लोग मुझसे मिलने आए थे। इन लोगों ने अडानी ग्रुप और महाराष्ट्र सरकार पर भरोसा करके सर्वेक्षण करवाया, लेकिन पहले ही लिस्ट में 80 फीसदी लोगों को अयोग्य ठहरा दिया गया। मेघवाडी में यह समाज करीब 150 साल से रह रहा है। यह पूरा क्षेत्र झोपड़पट्टी नहीं है, फिर भी सर्वे किया गया और 80 फीसदी लोगों को अयोग्य ठहराकर अब इन्हें देवनार के कचरे के ढेर पर भेजने की योजना बनाई गई है। अडानी का हम विरोध करेंगे ही करेंगे। आदित्य ठाकरे ने कहा कि मुंबई कोई सौदेबाजी की चीज नहीं है। मुंबई और धारावी के लिए हम लड़ते रहेंगे और किसी बिल्डर की झोली में इसे जाने नहीं देंगे।

एफएसआई के लिए प्रॉपर्टी में दिखा रहे शौचालय

आदित्य ठाकरे ने कहा कि धारावी पुनर्विकास योजना में दो मांगें जरूरी हैं, पहली पात्रता की कट-ऑफ २०२२ तक रखी जाए और दूसरी अन्य एसआरए प्रोजेक्ट में लोगों को घर दिया जाता है, वैसे ही धारावी के लोगों को भी वहीं मकान दिए जाएं। अब हमारे कानों में आ रहा है कि एफएसआई 1.33 हासिल करने के लिए अडानी शौचालयों का भी सर्वे कर रहे हैं और उन्हें प्रॉपर्टी में गिन रहे हैं। यानी सार्वजनिक शौचालय, बेंच, खंभे, सब कुछ दिखाकर एफएसआई लेनी की कोशिश की जा रही है।

ये सरकार चला रहे हैं या कॉमेडी शो?

महायुति सरकार द्वारा पहली कक्षा से हिंदी अनिवार्य किए जाने के पैâसले पर पूरे राज्य में विरोध हो रहा है। राज्य के शिक्षा मंत्री दादा भुसे ने कहा कि पहली से तीसरी तक हिंदी का मौखिक शिक्षण दिया जाएगा। इस पर आदित्य ठाकरे ने एक्स पर किए गए पोस्ट से कटाक्ष करते हुए कहा कि शिक्षा मंत्री खुद पहले स्कूल में जाकर बैठें और ऐसे पाठ पढ़ें। पहले ही पहली के बच्चों पर तीन भाषाएं जबरन थोपी जा रही हैं, उसमें भी बिना किताब मौखिक अभ्यास। ये सरकार चला रहे हैं या कोई कॉमेडी शो? क्या बोल रहे हैं, क्या तय कर रहे हैं, पहले खुद सुनें और इन्हीं को पहली में भेजो। वहां भी ‘फेल’ हो जाएंगे।

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