ऑपरेशन ब्लू स्टार की बरसी पर बीजेपी की पोस्ट ने बढ़ाई सियासी गर्मी

पंजाब में 1 जून 1984 को ऑपरेशन ब्लू स्टार को अंजाम दिया गया था. इसकी सालगिरह पर प्रदेश बीजेपी ने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट शेयर की. पोस्ट में उन्होंने इस हमले में मारे गए लोगों को शहीद बताकर श्रद्धांजलि दी. पोस्ट डालने के बाद हर जगह इसकी काफी चर्चा होने लगी.

हालांकि पंजाब बीजेपी ने सोशल मीडिया अकाउंट से यह पोस्ट हटा दी है. पोस्ट में, पंजाब भाजपा ने स्वर्ण मंदिर पर हमला करने के लिए कांग्रेस सरकार की निंदा की थी. इस ऑपरेशन में अपनी जान गंवाने वालों के परिवारों के प्रति संवेदना भी व्यक्त की. इसके साथ ही उन्होंने इस ऑपरेशन से जुड़ी कुछ तस्वीरें भी साझा की थीं.

क्या थी सोशल मीडिया पोस्ट?
बीजेपी ने सोशल मीडिया पर पोस्ट शेयर करते हुए लिखा, ‘1 जून 1984, साका नीला तारा यानी ऑपरेशन ब्लू स्टार, कांग्रेस सरकार की तरफ से दरबार साहिब पर किए गए हमले के पहले दिन शहीद हुए शहीदों को दिल से प्रणाम’. इसके साथ ही भाजपा ने अकाल तख्त, जो सिखों की सर्वोच्च धार्मिक सीट है, उसको हुए नुकसान और टायरों से भरी बख्तरबंद गाड़ी की तस्वीरें भी शेयर की थीं.

बीजेपी ने मारे गए लोगों को कहा साका
यह पहली बार नहीं हुआ है जब पंजाब बीजेपी ने ऑपरेशन ब्लू स्टार की बात की हो. इससे पहले भी वह इस हमले को लेकर कांग्रेस पर निशाना साधा चुकी है. लेकिन उन्होंने इससे पहले उसने कभी इस ऑपरेशन में मारे गए लोगों को साका यानी शहीद नहीं कहा. सिख समुदाय पहले से ही इस हमले में मारे गए लोगों के लिए साका शब्द का इस्तेमाल करता रहा है.

1 से 6 तक मनाया जाएगा शहीदी सप्ताह
अकाल तख्त के कार्यवाहक जत्थेदार ज्ञानी कुलदीप सिंह गड़गज ने सिख समुदाय से अपील की कि 1 से 6 जून तक शहीदी सप्ताह के रूप में मनाया जाए. उन्होंने कहा कि हर साल जून का पहला सप्ताह ‘पंथ’ के लिए एक गहरा भावनात्मक और पवित्र समय होता है, जब शहीदों को याद किया जाता है. उन्होंने अपने एक बयान में कहा कि जून 1984 में जब सिख श्रद्धालु पांचवें गुरु, गुरु अर्जन देव के शहीदी दिवस को मनाने के लिए एकत्र हुए थे, तब तत्कालीन कांग्रेस सरकार ने श्री अकाल तख्त साहिब और अन्य लोगों पर टैंक, तोपखाने और गोलियों की बौछार करवाई थी. सिख समुदाय जून 1984 के सैन्य हमले को कभी नहीं भूल सकता.

क्या है ऑपरेशन ब्लू स्टार?
ऑपरेशन ब्लू स्टार एक सैन्य अभियान था जिसे भारतीय सेना ने जून 1984 में अंजाम दिया. इसका मुख्य उद्देश्य अमृतसर के गोल्डन टेंपल में छिपे संत जरनैल सिंह भिंडरांवाले और उसके समर्थकों को बाहर निकालना था. भिंडरांवाले और उसके लोग वहां भारी मात्रा में हथियारों के साथ मौजूद थे और वहां से अलग खालिस्तान देश की मांग कर रहे थे. इस ऑपरेशन को तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के आदेश पर शुरू किया गया था. सेना को मंदिर परिसर में घुसकर आतंकवादियों से मुकाबला करना पड़ा, जिससे भारी गोलीबारी और हिंसा हुई. इसमें सैकड़ों लोगों की जान गई, जिनमें कई सैनिक और आम नागरिक भी शामिल थे. ऑपरेशन ब्लू स्टार भारतीय इतिहास की सबसे संवेदनशील घटनाओं में से एक मानी जाती है.

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here