More
    Homeराज्यमध्यप्रदेशमध्य प्रदेश में 50 लाख फर्जी वोटर होने का दावा: दिग्विजय सिंह

    मध्य प्रदेश में 50 लाख फर्जी वोटर होने का दावा: दिग्विजय सिंह

    ग्वालियर: पूर्व मुख्यमंत्री और राज्य सभा सांसद दिग्विजय सिंह रविवार को ग्वालियर पहुंचे. यहां मीडिया से चर्चा करते हुए उन्होंने चुनाव आयोग की निष्पक्षता पर सवाल खड़े किए. साथ ही बिहार समेत अन्य राज्यों के विधानसभा चुनाव में फर्जी वोटरों के मुद्दे पर चुनाव आयोग को घेरा. इस दौरान उन्होंने इस मामले से मध्य प्रदेश का कनेक्शन भी बताया है. दिग्विजय सिंह ने कहा,"चुनाव आयोग अब निष्पक्षता से अपना काम नहीं कर रहा है."

    'राहुल गांधी ने पकड़ा वोटर घोटाला'

    दिग्विजय सिंह का कहना है कि "चुनाव आयोग निष्पक्षता से अपना काम नहीं कर रहा है. ऐसे में आने वाले बिहार के विधानसभा चुनाव सहित अन्य राज्यों के चुनाव भी संदेह के घेरे में हैं. हाल ही में उनके नेता राहुल गांधी ने बेंगलुरु की महादेवपुरा विधानसभा सीट में एक लाख से ज्यादा फर्जी वोटर का घोटाला पकड़ा है. उससे चुनाव आयोग की भूमिका संदिग्ध हो गई है. बिहार के स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन यानी एसआईआर भी शक के दायरे में है. क्योंकि एक झटके में 65 लाख वोटर मतदाता सूची से हटा दिए गए हैं. चुनाव आयोग ने उन्हें मृत बता दिया लेकिन उनकी सूची जारी नहीं की."

    'मध्य प्रदेश में भी 50 लाख फर्जी वोटर'

    मीडिया के सवाल का जवाब देते हुे दिग्विजय सिंह ने मध्य प्रदेश में भी फर्जी वोटरों के होने की बात कही. उन्होंने कहा, "मध्य प्रदेश में विधानसभा चुनाव 2018 के दौरान मतदाता पुनर्निरीक्षण के वक्त 50 लाख फर्जी वोटर का पता लगाया गया था."

    चुनाव आयोग पर लगाया गंभीर आरोप

    पूर्व सीएम का कहना हैं कि "हमारे संविधान ने स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव के लिए चुनाव आयोग बनाया, लेकिन पिछले कुछ वर्षों से चुनाव आयोग एक पक्षीय कार्रवाई कर रहा है. चुनाव के दौरान किसी धर्म को लेकर यदि कोई विपक्षी सदस्य भाषण देता है तो उसे नोटिस दिया जाता है. लेकिन बीजेपी द्वारा उस तरह के बयान देने पर कोई नोटिस नहीं दिया जाता."

    चुनाव आयोग के खिलाफ विपक्ष करेगा मार्च

    इसके साथ साथ दिग्विजय सिंह ने इलेक्ट्रॉनिक वोट लिस्ट डेटा के बारे में राहुल गांधी की माँग को लेकर भी बात रखी. उन्होंने कहा कि "बीजेपी और एनडीए को छोड़कर सभी दलों के सांसद सोमवार को इन मुद्दों को लेकर संसद से लेकर चुनाव आयोग के दफ्तर तक मार्च निकालेंगे."

     

     

      पहलगाम हमले का किया जिक्र

      पहलगाम में हुई आतंकी घटना पर केंद्र सरकार के रूख को पूर्व मुख्यमंत्री ने हैरानी भरा बताया. उनका कहना है कि "मुंबई की आतंकी घटना के बाद तत्कालीन मुख्यमंत्री और गृहमंत्री का इस्तीफा हो गया था, लेकिन पहलगाम की घटना के बाद किसी की जिम्मेदारी तय नहीं की गई.'' उन्होंने आगे कहा कि, ''कश्मीर के बेहद संवेदनशील लेकिन पर्यटन स्थल पर लोगों की भीड़ के बावजूद वहां न तो पुलिस तैनात थी न ही अर्धसैनिक बल तैनात थे. ऐसे में आतंकी आए और इतनी बड़ी घटना को अंजाम देकर चले गए. यदि विदेश में इस तरह की घटना होती तो वहां के जिम्मेदार लोगों का इस्तीफा हो गया होता."

      latest articles

      explore more

      LEAVE A REPLY

      Please enter your comment!
      Please enter your name here