More
    Homeराज्ययूपीकथावाचक अनिरुद्धाचार्य का विवादित बयान: 'लिव-इन को सम्मान, पर वैश्या को अपमान!'

    कथावाचक अनिरुद्धाचार्य का विवादित बयान: ‘लिव-इन को सम्मान, पर वैश्या को अपमान!’

    मथुरा: कथावाचक अनिरुद्धाचार्य द्वारा लड़कियों पर दिए गए बयान पर बवाल मचा हुआ है। इसी बीच, अनिरुद्धाचार्य ने लिव इन रिलेशनशिप को लेकर बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा कि मैं तो सत्य बोलूंगा, जिसको बुरा लगना हो लगे। अगर सलाहकार, डॉक्टर और गुरु मुंह दिखाई बोलने लगे तो विनाश तय है। उन्होंने कहा कि कलयुग में किसी को आप कह दीजिए लिव इन में रहना गलता है, तो आपका विरोध हो जाएगा, क्योंकि कलयुग में सत्य नहीं बोल सकते है। मैंने सत्य बोला तो बड़े-बड़े लोगों ने मेरा विरोध किया, क्योंकि सत्य पसंद नहीं है। इनको झूठ पसंद, यदि इनके लिए कह दिया जाए कि लिव इन में रह रहे हैं, सही कर रहे हैं, अरे तो महाराज जी बहुत अच्छे हैं। आप तो हमारा सपोर्ट कर रहे हैं।
      
    कथा के दौरान कथावाचक अनिरुद्धाचार्य ने वहां पर मौजूद लोगों से पूछा कि लिव इन में रहना सही है या गलत है। आप कैसी बहू चाहती हो, जो लिव इन में रहकर आए। क्या कोई भी मां अपने बेटे के लिए लिव इन में रहने वाली बहू चाहती है। इस पर वहां मौजूद महिलाओं ने जवाब दिया कि नहीं। अनिरुद्धाचार्य बोले कि हमने कहा लिव इन में रहना गलत तो लोगों ने मेरा विरोध किया, क्योंकि हमने सत्य बोला।

    घूमेगी अर्धनग्न पर सुनना चाहेगी देवी

    उन्होंने कहा कि कलयुग में वैश्या को वैश्या नहीं कह सकते हैं। है तो वह वैश्या, पर सुनना चाहती कि वह सती सावित्री है। घूमेगी अर्धनग्न, पर सुनना चाहेगी उसको देवी कहो। देवी वाली हरकत हो तो देवी भी कहा जाए। हमारे यहां नारी को तो देवी ही कहा गया है। हमारे यहां सीता जैसी नारियां भी हैं, जिनको हम सब पूजते हैं। ऐसा कोई मंदिर नहीं जहां कृष्ण हों और राधा न हों। शंकर जी हैं तो पार्वती न हों ऐसा हो नहीं सकता। नारायण हों और लक्ष्मी न हों तो ऐसा हो ही नहीं सकता। हमारे यहां नारी की पूजा होती है, पर किस नारी की, जो सती है, पवित्र है, आचरण से, सदाचार से व्यवहार से पवित्र है, उस नारी की पूजा होती है। पर, जो नारी शूर्पणखा जैसी है, क्या उस नारी की पूजा होगी।

    पतिव्रता नारी और वैश्या कैसे बराबर हो सकती है

    महाराज ने कहा कि तराजू की एक तरफ पतिव्रता नारी को रखो दूसरी तरफ लिव इन में रहने वाली नारियों को रखो तो क्या दोनों का पलड़ा भारी होगा, उनके सवाल पर लोगों ने जवाब दिया नहीं। इस पर महाराज जी कहते हैं कि पर समाज कहता है कि ये भी नारी है, ये भी नारी है। आजकल समानता का भाव है। सब बराबर हैं। अगर सब बराबर हैं तो पतिव्रता और वैश्या कैसे बराबर हो सकती है, लेकिन अगर आप सत्य बोलेंगे तो लोग आपका विरोध करेंगे। लोग झूठ सुनना चाहते हैं।

    हाई प्रोफाइल लोग लिव इन का सपोर्ट करते हैं

    उन्होंने कहा कि बड़े-बड़े हाई प्रोफाइल लोग लिव इन का सपोर्ट करते हैं। कुछ पत्रकार भी लिव इन का सपोर्ट कर रहे हैं। गलत चीज का सपोर्ट कर रहे हैं, वो भी खुलेआम। रावण के सलाहकार ने गलत सलाह दी तो उनका विनाश हो गया। विभीषण ने सही सलाह दी तो उनको लात मारकर लंका से निकाल दिया गया। सलाहकार आपकी मुंह देखी प्रशंसा करेगा तो आपका नाश हो जाएगा। डॉक्टर अपने हिसाब से दवाई देता है। अगर वह आपके हिसाब से चले तो आप मर जाएंगे। डॉक्टर के अनुसार चलेंगे तो सही हो जाएंगे। गुरु आपके हिसाब से बात नहीं करता है। वह जो सही होता है, वही बात करता है। गुरु मुंह दिखाई बात नहीं करता है, अगर गुरु मुंह दिखाई बात करने लगे तो समाज का विनाश हो जाएगा, इसीलिए हम आज भी कहते हैं, लिव इन में रहना गलत है, जिसको विरोध करना है करता रहे। क्या हम इनके अनुसार से बोलना शुरू कर दें?

    latest articles

    explore more

    LEAVE A REPLY

    Please enter your comment!
    Please enter your name here