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    परिवार ने बेटी की हत्या कर रोका MBBS में दाखिला, 18 साल की लड़की की दर्दनाक मौत

    अहमदाबाद: गुजरात के बनासकांठा ऑनर किलिंग के मामले में बड़ा खुलासा हुआ है। 18 साल की चंद्रिका चौधरी ने नीट की परीक्षा में 478 अंक हासिल किए थे। इसके बाद वह एक सरकारी मेडिकल कॉलेज में एमबीबीएस पाठ्यक्रम में प्रवेश के लिए योग्य हो गई थी। वह अपनी पढ़ाई को आगे जारी रखना चाहती थी लेकिन किसान परिवार ने बेटी के आग्रह को खारिज कर दिया था। यह सामने आया है कि चंद्रिका चौधरी को कथित तौर पर उसके पिता सेंधा ने दूध में नशीला पदार्थ मिलाकर पिलाया था, और फिर 25 जून को उसने और उसके चाचा शिवराम ने दुपट्टे से उसका गला घोंट दिया। उसका आनन-फानन में अंतिम संस्कार भी कर दिया गया था। इस हत्याकांड की जांच के लिए बनासकांठा के एसपी ने एएसपी सुमन नाला की अगुवाई में टीम गठित की थी। एएसपी ने सबूत नहीं होने के बाद भी गहराई से ऑनर किलिंग (सम्मान के लिए हत्या) का खुलासा किया है।

    दिल के दौरे का दिया था हवाला

    टीओआई की रिपोर्ट के अनुसार पुलिस अधिकारियों के अनुसार शिवराम ने कुछ ग्रामीणों को बताया कि चंद्रिका को दिल का दौरा पड़ा था। शिवराम हिरासत में है, जबकि सेंधा का अभी तक पता नहीं चल पाया है। बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका पर सुनवाई से कुछ दिन पहले ही लड़की की हत्या कर दी गई। शिवराम कुछ कॉलेजों में गया था और उसने लड़के-लड़कियों को साथ पढ़ते देखा था। उसने उसके पिता से कहा था कि उसे वहां न भेजा जाए क्योंकि वह किसी लड़के से प्यार कर बैठेगी और उससे शादी कर लेगी। चंद्रिका के दोस्त और लिव इन पार्टनर हरेश ने इस पूरे मामले को लेकर हाईकोर्ट का रुख किया है। आने वाले दिनों में इस मामले में लिप्त पुलिसकर्मियों की मुश्किलें भी बढ़ सकती हैं।
      
    फरवरी में हुई थी मुलाकात

    जांच में यह सामने आया है कि चंद्रिका पहली बार हरेश से इसी साल फरवरी में मिली थी। पुलिस अधिकारियों ने बताया कि चंद्रिका के परिवार ने आनन-फानन में मौत का कारण दिल का दौरा बताया। इसके बाद बिना पोस्टमॉर्टम के शव का अंतिम संस्कार कर दिया। एफआईआर के अनुसार दूध का गिलास दिए जाने से पहले चंद्रिका ने अपने पिता से यही आखिरी शब्द सुने थे कि दूध पियो और अच्छी तरह आराम करो। अच्छी नींद लो। हरेश के अनुसार चंद्रिका की हत्या से ठीक दो हफ्ते पहले इस जोड़े ने लिव-इन एग्रीमेंट पर हस्ताक्षर किए थे। हरेश ने कहा कि वह मेडिकल की पढ़ाई करना चाहती थी। हम किसी को नुकसान नहीं पहुंचा रहे थे। हम बस शांति से रहना चाहते थे। अब देखना यह है कि इस मामले में गुजरात हाईकोर्ट क्या निर्णय लेता है? क्योंकि चंद्रिका के लिव इन पार्टनर ने बनासकांठा के पुलिसकर्मियों पर गलत तरीके से अरेस्ट करने और फिर भेजने के आरोप लगाए हैं।

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