मसालों का सेवन शरीर के लिए फायदेमंद होता है। इससे इम्यून सिस्टम मजबूत होता है और इंफेक्शन से राहत मिलती है। लेकिन अमेरिका में एफडीए ने कुछ ब्रांड के दालचीनी पाउडर के अंदर ज्यादा लेड पाया। जो कि सेहत के लिए हानिकारक हो सकता है।
कौन सा मसाला निकला मिलावटी?
भारत को मसालों का देश कहा जाता है। क्योंकि अधिकतर मसालों की शुरुआत यहीं पर हुई। यहां के लोगों ने विदेशी मसालों को भी खूब इस्तेमाल किया। जिस वजह से आज सारे मसाले भारतीय लगते हैं, जो सेहत को फायदा भी देते हैं। लेकिन अमेरिका में दालचीनी पाउडर में इस बार लेड की अधिक मात्रा मिली है, जो जहरीली साबित होती है।
FDA ने 11 कंपनियों को दी चेतावनी
टीओआई की रिपोर्ट के मुताबिक फूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन ने 11 मसालों के ब्रांड को लेड की अधिक मात्रा की वजह से माल हटाने के लिए कहा है। रिपोर्ट के मुताबिक इनमें लेड की मात्रा 2.03 से 7.68 पार्ट्स प्रति मिलियन (ppm) निकली। एफडीए ने सभी कंपनी को खुद से ऐसे स्टॉक को हटाने के लिए कहा है।
ग्राहकों को सलाह
एफडीए ने ग्राहकों को दालचीनी के ऐसे पाउडर को फेंकने के लिए कहा है। ऐसे प्रोडक्ट्स की शेल्फ लाइफ ज्यादा होती है, इसलिए उसके पैकेट पर देखें कि उसमें लेड की मात्रा ज्यादा तो नहीं है।
लेड कैसे है जहरीला
लेड एक मेटल है, जिसे मसालों के रंग और वजन को बढ़ाने के लिए मिलाया जाता है। अगर यह एक मात्रा से ज्यादा होता है तो शरीर के लिए जहरीला साबित हो सकता है। इससे खतरनाक असर दिख सकते हैं।
खून में बढ़ता है लेड
FDA ने बताया कि ऐसे मसालों का सेवन खून में लेड बढ़ाता है। जिसके नुकसान उपयोगकर्ता की उम्र, संपर्क की अवधि, मात्रा पर निर्भर करती है। इसकी वजह से न्यूरोलॉजिकल समस्याएं हो सकती हैं।
लेड टॉक्सिसिटी के नुकसान
सीडीसी के मुताबिक कम समय तक लेड एक्सपोजर से मेटालिक टेस्ट, पेट दर्द, उल्टी, डायरिया या कब्ज, डिहाइड्रेशन, सिरदर्द, भूख की कमी, याददाश्त खोना और हाथ-पैर में सुन्नपन हो सकता है।
ज्यादा गंभीर नुकसान
डिप्रेशन, भूलने की बीमारी, दांत-हड्डी की कमजोरी, लंग फंक्शन में कमी और महिला-पुरुष में फर्टिलिटी की समस्या हो सकती है।