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    सरकारी नौकरी, गाड़ी-बंगला… फिर भी हड़प रहे थे गरीबों का राशन, 25 हजार कार्ड रद्द

    सागर: सरकार गरीबों के लिए मुफ्त राशन मुहैया करा रही है. इस योजना के तहत सरकार मध्य प्रदेश में करीब 5 करोड़ 27 लाख लोगों को सरकार राशन भी मुहैया करा रही है. ये जानकर आपको अचरज होगा कि करीब 1 लाख 65 हजार से ज्यादा लोग ऐसे हैं, जो राशन के हकदार नहीं है. लेकिन गरीबों के हक पर डाका डाल रहे हैं.

    ऐसे में केंद्र सरकार द्वारा तय गाइडलाइन के तहत इन अपात्र लोगों के नाम काटे जाने का काम शुरू हो चुका है और अब तक करीब 25 हजार से ज्यादा लोगों के राशन कार्ड निरस्त कर दिए गए हैं. खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण मंत्री गोविंद सिंह राजपूत ने बताया कि, ''इस सूची में ऐसे लोग हैं, जो इनकम टैक्स पेयर है और बड़े-बड़े सरकारी पदों पर नौकरी कर रहे हैं. जिनकी आय 25 लाख से ऊपर है, फिर भी वह गरीबों के नाम का राशन ले रहे हैं.''

     

    केंद्र सरकार ने जारी किए निर्देश
    दरअसल, केंद्र सरकार द्वारा गरीबों को दिए जाने वाले राशन की योजना के पंजीबद्ध हितग्राहियों का सर्वे कराया था. जिसमें मध्य प्रदेश में 1 लाख 65 हजार से ज्यादा ऐसे राशन के हितग्राही सामने आए, जो नियमानुसार राशन के पात्र नहीं हैं, फिर भी राशन ले रहे हैं. केंद्र सरकार ने अपात्र हितग्राहियों की इस सूची के साथ एक गाइडलाइन भेजी है.

     

    उसके अनुसार, इन अपात्र लोगों को हटाया जाना है. राशन योजना का लाभ उसे व्यक्ति को नहीं मिल सकता है, जो आयकर दाता है. इसके अलावा सरकारी नौकरी करने वाले और 25 लाख से ज्यादा सालाना आय वालों को सूची से हटाया जा रहा है.

    विभागीय जानकारी के अनुसार, कई ऐसे लोग सामने आए हैं, जिनके पास बड़े-बड़े बंगले, फोर व्हीलर और कई एकड़ जमीन है. फिर भी उनका नाम गरीबी रेखा के राशन कार्ड में जुड़ा हुआ है. कई लोग तो बड़े-बड़े सरकारी पदों पर मोटी तनख्वाह पा रहे हैं. फिर भी गरीबों के हक के राशन पर डाका डाल रहे हैं. केंद्र सरकार के निर्देश के चलते अब तक करीब 25 हजार से ज्यादा लोगों को सूची से हटा दिया गया है.

    क्या कहना है मंत्री का
    मध्य प्रदेश के खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण मंत्री गोविंद सिंह राजपूत का कहना है कि, ''भारत सरकार ने करीब 1 लाख 65 हजार का डेटा दिया है, जो कि अपात्र हैं और जिनके नाम काटा जाना है. अधिकांश लोग इनमें ऐसे हैं, जो टैक्सपेयर, सरकारी नौकरी, कंपनी एक्ट के तहत डायरेक्टर हैं और जिनकी सालाना आय 25 लाख रूपए से अधिक है, ऐसे लोगों के नाम शामिल हैं. इन लोगों के नाम काटने के निर्देश भारत सरकार ने दिए हैं और अब तक करीब 25 हजार लोगों के नाम कट भी चुके हैं. ये कार्यवाही पूरे मध्य प्रदेश में चल रही है.''

    ''इस प्रक्रिया में जो अपात्र है, उनके नाम काटने की कार्यवाही की जा रही है. जो पात्र हैं, उनके नाम शामिल रहेंगे. जो पैसे वाले हैं, जिनको गरीबी रेखा के नीचे राशन लेने का अधिकार नहीं है. ऐसे सक्षम लोगों के नाम काटे जा रहे हैं, जो इनकम टैक्स पेयर है, बडे़-बडे़ सरकारी पदों पर नौकरी कर रहे हैं. तो ऐसे लोगों को गरीबों को दिए जाने वाला राशन क्यों दिया जाए, इसलिए भारत सरकार के निर्देश पर ऐसे नाम काटे जा रहे हैं.''

     

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