मुंबई: रणदीप हुड्डा की पत्नी लिन कहती हैं, ‘करवाचौथ पर पति के लिए व्रत रखना और इस दिन का महत्व महसूस करना बहुत सुंदर एहसास है। यह सिर्फ एक परंपरा नहीं, बल्कि प्यार और अपनापन जताने का तरीका है।’
रणदीप कभी व्रत रखने को नहीं कहते
लिन ने आगे कहा- ‘रणदीप ने कभी मुझसे व्रत रखने को नहीं कहा लेकिन वो इस खास दिन पर मेरा साथ जरूर देते हैं। मेरे लिए यही सबसे खूबसूरत बात है कि हम इस दिन एक-दूसरे के लिए अपने प्यार को महसूस कर सकें। यह हमारी संस्कृति की खासियत है और इसका हिस्सा बनकर मुझे हमेशा गर्व होता है।’
‘वो मुझे अकेलापन महसूस नहीं करने देते’
जब लिन से पूछा गया कि क्या रणदीप भी उनके साथ करवाचौथ पर व्रत रखते हैं? तो उन्होंने मुस्कुराते हुए कहा- ‘रणदीप को व्रत रखने से कोई दिक्कत नहीं होती। कभी अपने रोल ताे कभी फिटनेस के लिए वो पूरे साल ये करते ही रहते हैं। उनके लिए करवाचौथ का व्रत रखना कोई बड़ी बात नहीं। वो बहुत स्वीट हैं और अक्सर व्रत में मेरा साथ देते हैं ताकि मुझे अकेलापन महसूस न हो। मैं तो जिस दिन व्रत रखती हूं उस दिन वर्कआउट से ब्रेक ले लेती हूं पर वो व्रत में भी अपनी एक्सरसाइज नहीं छोड़ते।’
‘ताेहफे में मिलते हैं गहने’
तोहफे की बात करते ही लिन के चेहरे पर हल्की मुस्कान आ जाती है। वो कहती हैं, ‘रणदीप ज्यादातर तोहफे में मुझे गहने देते हैं। लेकिन उनके पास इतना टाइम नहीं होता कि खुद जाकर खरीदारी करें। ऐसे में वो मुझसे कहते हैं कि मुझे जो पसंद हो वो मैं खुद ले लूं। सरप्राइज न सही, लेकिन उनका तोहफे देने का तरीका भी बहुत प्यारा है। इसी बहाने मैं कम से कम अपनी पसंद की चीजें तो चुन लेती हूं।’
‘घर लौटते ही उनका मजाकिया और प्यारा रूप देखने लायक होता है’
शादी के बाद रणदीप में आए बदलाव पर बात करते हुए लिन कहती हैं, ‘पहले वह बहुत बिजी रहते थे और देर तक काम करते थे। अब वह घर जल्दी लौट आते हैं और साथ में समय बिताते हैं। लोगों को वह बहुत सीरियस लगते हैं, लेकिन घर पर उनका एक बहुत प्यारा, मजाकिया और हल्का-फुल्का रूप है। उनके उस साइड को देखकर दिल खुश हो जाता है।’
‘रणदीप मुझे हमेशा मेरी पहचान के साथ इंट्रोड्यूस करते हैं’
क्या आपको लगता है कि लोग आपको सिर्फ 'रणदीप की पत्नी' के रूप में जानते हैं? यह पूछा जाने पर लिन सहजता से कहती हैं, ‘नहीं, मुझे इससे कोई परेशानी नहीं। रणदीप को लोग बहुत पसंद करते हैं और उनके काम की सराहना हर जगह होती है। इस बीच भी वह हमेशा ध्यान रखते हैं कि मेरी अपनी पहचान बनी रहे। वह मुझे सिर्फ अपनी पत्नी के रूप में नहीं, बल्कि मेरे काम और मेरी उपलब्धियों के साथ परिचय करवाते हैं। यह बात मेरे लिए बहुत मायने रखती है।’