Home दुनिया ईरान vs इजरायल: 9 दिन से जारी युद्ध में सैन्य खर्च से...

ईरान vs इजरायल: 9 दिन से जारी युद्ध में सैन्य खर्च से डगमगाई दोनों की अर्थव्यवस्था,जानें किसके पास ज्यादा सैन्य बजट और फॉरेक्स रिजर्व

Israel-Iran war Economic Impact: इजरायल और ईरान के बीच पिछले सात दिन से युद्ध जारी है. दोनों एक-दूसरे पर हमले कर रहे हैं. अब तक इस युद्ध में इजरायल में 24 लोगों की मौत हुई है और ईरान में 240 लोगों ने जान गंवाई है. दोनों देशों के इंफ्रास्ट्रक्चर को भी भारी नुकसान हुआ है. लेकिन इससे भी ज्यादा असर दोनों देशों की अर्थव्यवस्था पर पड़ा है. खासतौर पर इजरायल के लिए यह युद्ध बेहद महंगा साबित हो रहा है. आइए जानते हैं कि यह संघर्ष दोनों देशों की अर्थव्यवस्था को कैसे प्रभावित कर सकता है.

कितनी है दोनों देशों की GDP

ईरान और इजरायल की अर्थव्यवस्थाओं की तुलना करें तो इजरायल की स्थिति कहीं अधिक मजबूत है. वर्ष 2024 में इजरायल का जीडीपी लगभग 564 अरब डॉलर रहा, जबकि ईरान का जीडीपी करीब 388 अरब डॉलर था. प्रति व्यक्ति आय के मामले में भी इजरायल आगे है, जहां यह लगभग 58 हजार डॉलर है, वहीं ईरान में यह केवल 4,400 डॉलर के आसपास है.

ईरान GDP: 388 अरब डॉलर

इजरायल GDP:564 अरब डॉलर

इजरायल को महंगी पड़ रही है लड़ाई

इजरायल पर गाजा युद्ध और अब ईरान के साथ संघर्ष का भारी आर्थिक बोझ पड़ रहा है. गाजा युद्ध की लागत अब तक 67 अरब डॉलर से अधिक हो चुकी है. ईरान के साथ सिर्फ दो दिन की लड़ाई में ही इजरायल को 1.45 अरब डॉलर का नुकसान हुआ है. और उसका डेली का खर्च करीब 6000 करोड़ रुपये हैं. यानी अब तक उसके करीब 50000 करोड़ रुपये खर्च हो गए हैं. यह संघर्ष लंबा खिंचा तो इजरायल की अर्थव्यवस्था पर और भी दबाव बढ़ेगा.

साल 2024 में 60,000 बिजनेस बंद हो चुके हैं, पर्यटन युद्ध से पहले के स्तर से अब भी नीचे है, और इजरायल की 2025 की जीडीपी वृद्धि दर का अनुमान 4.3% से घटाकर 3.6% कर दिया गया है.इसके अलावा S&P ग्लोबल रेटिंग्स ने चेतावनी दी है कि अगर युद्ध जारी रहा या और बढ़ा, तो इज़राइल की क्रेडिट रेटिंग A से घटाकर A– की जा सकती है.

ईरान के तेल निर्यात पर असर

ईरान के तेल निर्यात में भारी गिरावट आई है. खार्ग द्वीप, जहां से ईरान 90 फीसदी तेल निर्यात करता है, वहां से निर्यात पूरी तरह रुक गया है. इसके अलावा, इजरायल के हमलों में साउथ पार्स गैस क्षेत्र को भी नुकसान पहुंचा है, जो ईरान की कुल गैस आपूर्ति का 80 फीसदी हिस्सा है. यदि ये हमले जारी रहे तो ईरान की अर्थव्यवस्था को गहरा झटका लग सकता है.

प्रतिबंधों से जूझ रहा ईरान

ईरान पहले से ही अमेरिकी प्रतिबंधों के कारण आर्थिक संकट में है. वर्ष 2022–23 में उसके तेल निर्यात से सिर्फ 50 अरब डॉलर की कमाई हुई, जो 2016 की तुलना में बहुत कम है. महंगाई 40 प्रतिशत से ज्यादा है और रियाल की कीमत लगातार गिर रही है. ऐसे में युद्ध का खर्च उठाना ईरान के लिए मुश्किल साबित हो सकता है.

इजरायल का कैसे बढ़ा रक्षा बजट
वर्षरक्षा बजट (शेकल में)रक्षा बजट (डॉलर में अनुमानित)
202360 बिलियनलगभग $16 बिलियन
202499 बिलियनलगभग $26 बिलियन
2025 (अनुमानित)118 बिलियनलगभग $31 बिलियन

जबकि ईरान का रक्षा बजट भी 10 अरब डॉलर को पार कर चुका है.

क्या दोनों देश लंबा युद्ध चला पाएंगे

इजरायल के पास मजबूत अर्थव्यवस्था है, लेकिन रक्षा खर्च में भारी बढ़ोतरी से उसका वित्तीय घाटा बढ़ सकता है. वहीं, ईरान पहले से ही आर्थिक समस्याओं से घिरा है और उसके पास युद्ध के लिए सीमित संसाधन हैं. अगर यह युद्ध लंबे समय तक चला तो दोनों देशों की आर्थिक हालत बिगड़ सकती है.

NO COMMENTS

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here