कई लोगों के मन में यह सवाल जरूर आता है कि क्या बेडरूम में दीया जलाना सही है या नहीं. कुछ लोग मानते हैं कि कमरे में दीपक जलाने से पॉजिटिव एनर्जी आती है, जबकि कुछ इसे वास्तु दोष से जोड़ते हैं. असल में हमारे घर में दीया सिर्फ रोशनी का साधन नहीं, बल्कि शुद्धता, शांति और सकारात्मकता का प्रतीक माना जाता है. लेकिन यह कहां और किस समय जलाना चाहिए, यह जानना भी उतना ही जरूरी है. क्योंकि छोटी-सी गलती भी घर की एनर्जी को प्रभावित कर सकती है. आज हम जानेंगे कि बेडरूम में दीया जलाना क्यों सही या गलत माना जाता है और इसके पीछे क्या धार्मिक और वास्तु कारण हैं. इस बारे में बता रहे हैं ज्योतिष एवं वास्तु शास्त्री रवि पाराशर.
दीपक या दीया जलाना हमेशा से भारतीय परंपरा का हिस्सा रहा है. सुबह-शाम पूजा के समय दीपक जलाने का महत्व बताया गया है क्योंकि यह न सिर्फ वातावरण को पवित्र करता है बल्कि नेगेटिव एनर्जी को भी दूर करता है. लेकिन जब बात बेडरूम की आती है तो इसका नजरिया थोड़ा अलग होता है. वास्तु शास्त्र के अनुसार, बेडरूम विश्राम और निजी समय का स्थान होता है. यह जगह शांत और सुकून देने वाली होनी चाहिए. अगर यहां आप दीया जलाते हैं तो कुछ बातों का ध्यान रखना बहुत जरूरी है वरना इसका उल्टा असर भी हो सकता है.
अगर धार्मिक दृष्टि से देखा जाए तो दीपक को भगवान की उपस्थिति का प्रतीक माना गया है. इसे पूजा स्थल, रसोई या तुलसी के पास जलाना शुभ माना जाता है क्योंकि ये स्थान पवित्र और ऊर्जावान होते हैं. लेकिन बेडरूम में दीपक जलाना कई बार अनुचित माना जाता है, खासकर रात के समय, क्योंकि बेडरूम में नींद और आराम की ऊर्जा हावी होती है. यहां जलाया गया दीया उस एनर्जी को डिस्टर्ब कर सकता है.
हालांकि, कुछ लोग ध्यान या मेडिटेशन के दौरान कमरे में दीया जलाते हैं, जो एक अलग संदर्भ है. अगर आप किसी शांतिपूर्ण माहौल के लिए या ध्यान लगाते समय एक छोटा-सा दीपक जलाना चाहते हैं, तो आप ऐसा कर सकते हैं, लेकिन सुरक्षा और दिशा का ध्यान रखना जरूरी है. दीपक हमेशा पूर्व या उत्तर दिशा की ओर रखना चाहिए ताकि उसकी रोशनी कमरे में सकारात्मकता फैलाए.
वास्तु शास्त्र कहता है कि बेडरूम में अग्नि तत्व का संतुलन बहुत जरूरी होता है. अगर आप दीया या मोमबत्ती जलाते हैं तो उसे ज्यादा देर तक न छोड़ें और सोते समय कभी जलता हुआ दीपक न रखें. ऐसा करना न केवल खतरे की वजह बन सकता है बल्कि यह मानसिक अशांति भी बढ़ा सकता है. अगर रात में रोशनी की जरूरत महसूस हो तो बिजली के नाइट लैंप का इस्तेमाल करें.
एक और कारण यह है कि बेडरूम में अगर पति-पत्नी सोते हैं तो यह स्थान वैवाहिक सामंजस्य का प्रतीक होता है. यहां दीया जलाने से अग्नि तत्व की अधिकता रिश्तों में गर्माहट या विवाद भी बढ़ा सकती है. इसलिए दीपक को हमेशा घर के पूजाघर या आंगन में जलाना अधिक शुभ माना जाता है.
अगर फिर भी आप बेडरूम में दीया जलाना चाहते हैं, तो सुबह के समय एक छोटी अवधि के लिए जलाएं. इससे घर में पॉजिटिव एनर्जी बढ़ती है और दिन की शुरुआत शुभ मानी जाती है. आप चाहे तो सुगंधित तेल वाला दीपक भी जलाकर माहौल को शांत और सुकूनभरा बना सकते हैं. बस ध्यान रखें कि दीपक कभी भी बंद कमरे में या ऐसी जगह पर न रखें जहां हवा का आवागमन न हो.
बेडरूम में दीया जलाना सही है या नहीं, यह इस बात पर निर्भर करता है कि आप उसे किस उद्देश्य से जला रहे हैं. अगर भक्ति, ध्यान या पॉजिटिविटी के लिए थोड़ी देर जलाया जाए तो यह लाभदायक हो सकता है, लेकिन रातभर या बिना निगरानी के दीपक जलाना नुकसानदायक साबित हो सकता है. बेहतर यही है कि दीपक को पूजा स्थल, तुलसी के पास या घर के आंगन में जलाएं जहां उसकी रोशनी घर को सकारात्मकता और शांति से भर दे.