नई दिल्ली. केरल राज्य में इन दिनों ”निपाह” वायरस को लेकर काफी वबाल मचा हुआ है। पूरे देश में स्वास्थ्य विभाग की निगाहें केरल पर टिकी है। केरल की स्वास्थ्य मंत्री वीना जॉर्ज ने निपाह वायरस से 1 किशोर की मौत होने की पुष्टि की है। निपाह से संक्रमित लड़के का इलाज कोझिकोड में चल रहा था। जिसकी 21 जुलाई 2024 को हार्ट अटैक के कारण मौत हो गई।
निपाह वायरस से 1 की मौत
एक लड़के को 20 जुलाई को निपाह पॉजिटिव घोषित किया गया था, उसे कोझिकोड मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया था। उसे मोनोक्लोनल एंटीबॉडी का डोज दिया जाना था। दवा जब तक पुणे से कोझिकोड पहुंचती, उससे पहले ही उसकी जान चली गई। उसे दम तोड़ दिया।
केरल में 3 पॉजिटिव केस, 77 लोग क्वारंटीन
केरल सरकार के मुताबिक राज्य में अब तक कुल 3 पॉजिटिव केस आ चुके हैं। कॉन्टेक्ट ट्रेसिंग में 77 लोग ऐसे मिले हैं, जिन्हें हाई रिस्क कैटेगरी में रखा है। इन सबको क्वारंटीन किया गया है।
क्या है निपाह वायरस
निपाह वायरस एक संक्रामक रोग है, जो पहली बार साल 1998-1999 मलेशिया और सिंगापुर में पालतू सूअरों में देखा गया। उस वक्त इस बीमारी को जड़ से खत्म करने के लिए करीबन 10 लाख सूअरों को मार दिया गया था, पर बीमारी रुकी नहीं। सूअरों के जरिए यह बीमारी इंसानों में फैली। साल 2001 में बांग्लादेश में बड़े पैमाने पर लोग निपाह वायरस की चपेट में आए। इन लोगों ने खजूर के पेड़ से निकलने वाला ताड़ी पी थी। वैज्ञानिकों के मुताबिक खजूर के पेड़ तक वायरस चमगादड़ों के जरिए पहुंचा, जिसे ‘फ्रूट बैट’ भी कहा जाता है
खजूर के पेड़ तक चमगादड़ों से पहुंचा वायरस
वैज्ञानिकों की माने तो, खजूर के पेड़ तक वायरस चमगादड़ों के जरिए पहुंचा, जिसे ‘फ्रूट बैट’ भी कहा जाता है। केरल में बड़े पैमाने पर खजूर की खेती होती, जो चमगादड़ों का पसंदीदा। चमगादड़ खजूर का फल खाते हैं, उसमें दांत लगाते हैं, सलाइवा या यूरिन करते हैं, तो ये संक्रमित होता है। यह फल कोई दूसरा जानवर या इंसान के खा लेने से निपाह संक्रमित होना तय है।
निपाह वायरस के लक्षण
निपाह वायरस शुरू में असिम्प्टोटिक होता है, यानी इसके कोई लक्षण नहीं दिखते। 3-4 दिन के अंदर बुखार, उल्टी, सांस लेने में परेशानी जैसे लक्षण महसूस होते हैं। शुरुआती लक्षण वायरल बुखार होता हैं, लेकिन यह इतना खतरनाक है कि तंत्रिका तंत्र को प्रभावित करता है। इंसेफेलाइटिस तक हो सकता है।