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    मॉनसून की विदाई की शुरुआत, जानें किस तरह होती है मॉनसून की वापसी, एमपी में कब लगेगा ब्रेक

    Monsoon Withdrawl Analysis : जिस तरह मॉनसून देश में प्रवेश करता है, उसी चाल में उलटे चलते हुए मॉनसून की विदाई या वापसी होती है. मॉनसून के आगमन की तरह ही उसके लौटने की भी एक पूरी टाइमलाइन होती है. इस दौरान मौसम में कई तरह के परिवर्तन देखे जाते हैं, जिनके आधार पर मौसम विभाग मॉनसून की विदाई या पूरी तरह इसके वापस जाने की पुष्टि करता है.

    सिंतबर के पहले हफ्ते से मॉनसून की विदाई पश्चिमी राजस्थान से शुरू हो जाती है और महीने के अंत भाग तक ये मध्य प्रदेश समेत मध्य भारत के कई राज्यों से विदा लेने लगता है. आमतौर पर 15 अक्टूबर तक ये पूरे देश से विदा ले लेता है.

    इस वर्ष जल्दी लौट रहा मॉनसून

    पूरे देश में जबर्दस्त बारिश के बाद मॉनसून इस बार समय से पहले वापसी कर रहा है. आईएमडी के मुताबिक मॉनसून ने 4 सितंबर से वापसी शुरू कर दी है. आमतौर पर देखा गया है कि दक्षिण-पश्चिम मॉनसून सामान्य तौर पर 15 से 17 सितंबर के बीच वापसी शुरू करता है और 15 अक्टूबर तक ये प्रकिया पूरी होती है. लेकिन इस बार मॉनसून की विदाई जल्दी हो रही है.

    10 साल बाद मॉनसून की इतनी जल्दी विदाई

    आईएमडी के मुताबिक, '' 2015 के बाद मॉनसून की ये सबसे जल्दी विदाई मानी जा रही है. मौसम विभाग के पुराने आंकड़ों के मुताबिक सन 1940 तक मॉनसून की वापसी की शुरुआत 1 सितंबर से होती थी. वहीं, 2020 के बाद नई व्यवस्था के मुताबिक मॉनसून की वापसी 17 सितंबर से मानी जाती थी.''

    कैसे शुरू होती है मॉनसून की विदाई?

    मॉनसून लौटने की प्रक्रिया सितंबर मध्य में पश्चिमी राजस्थान से शुरू हो जाती है और फिर यह हरियाणा, पंजाब, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश और मध्य भारत के हिस्सों से पीछे हटने लग जाता है. अक्टूबर के शुरू में निम्न दबाव का क्षेत्र बंगाल की खाड़ी के उत्तर तक पहुंचता है और अक्टूबर के अंत तक पूर्वोत्तर और दक्षिण भारत से पूरी तरह विदा ले लेता है. मॉनसून विदाई की ये पूरी प्रक्रिया 4-5 हफ्तों में पूरी होती है.

    मॉनसूनी की विदाई सिर्फ बारिश रुकना नहीं

    अगर आप सोच रहे हैं कि मॉनसून की विदाई का मतलब सिर्फ बारिश रुकने से है, तो ऐसा नहीं है. बारिश थमने के साथ मौसम में एक बड़ा बदलाव आता है. इसमें हवा का दबाव, हवा की दिशा और नमी में बदलाव भी देखा जाता है.

    जब देश में दक्षिण पश्चिम की जगह उत्तर पूर्वी हवाएं चलने लगती हैं, तो इसे मॉनसून की विदाई का अंतिम चरण माना जाता है. वहीं उत्तर-पूर्वी हवाओं के साथ ठंड के मौसम की शुरुआत होने लगती है.

    मध्य प्रदेश में जमकर बरसा मॉनसून

    इस बार मध्य प्रदेश में मॉनसून में औसत से ज्यादा बारिश हुई है. मध्य प्रदेश में बारिश का कोटा औसतन 37 इंच है जबकि प्रदेश में अबतक 42.7 इंच बारिश हो चुकी है. मौसम वैज्ञानिकों के मुताबिक जाता हुआ मॉनसून प्रदेश में बोनस की और बारिश दे सकता है. सितंबर अंत में जाते-जाते कई जिलों में भारी बारिश हो रही है लेकिन अक्टूबर की शुरुआता में ये सिलसिला पूरी तरह थम सकता है

    अक्टूबर के अंत तक शुरु होगी ठंड

    मौसम वैज्ञानिक दिव्या ई सुरेंद्रन के मुताबिक, " मॉनसून की विदाई की प्रक्रिया शुरू हो गई है लेकिन मध्य प्रदेश में अक्तूबर के शुरुआत दिनों तक कुछ बारिश हो सकती है. प्रदेश में गुलाबी ठंड की शुरुआत अक्तूबर के अंत में हो सकती है. मौसमी परिवर्तन इशारा कर रहे हैं कि कहीं-कहीं ठंड की शुरुआत समय से पहले हो सकती है.

     

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