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    मुंबई लोकल बनी मौत का सफर: 10 साल में 26,547 यात्रियों की गई जान

    मुंबई की लाइफलाइन कही जाने वाली लोकल ट्रेन अब बन रही हजारों लोगों की मौत का कारण

    आरटीआई से सामने आए भयावह आंकड़े, सेंट्रल रेलवे में सबसे अधिक हादसे

    मुंबई
    मुंबई महानगर क्षेत्र में रेल पटरियों पर हो रही मौतों का आंकड़ा बेहद चौंकाने वाला है। जनवरी 2015 से मई 2025 के बीच कुल 26,547 लोगों की मौत रेलवे ट्रैक पर हुई है। यह जानकारी एक सूचना के अधिकार (RTI) आवेदन के माध्यम से सामने आई है।

    ट्रैक पार करना बना सबसे बड़ा कारण

    प्राप्त आंकड़ों के अनुसार, सबसे अधिक 14,175 मौतें ट्रैक पार करते समय हुईं। इसके अलावा चलती ट्रेन से गिरना और स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं भी प्रमुख कारण रहे। केवल इन तीन वजहों से ही लगभग 25,000 लोगों की जान गई है। अन्य कारणों में बिजली का झटका, प्लेटफॉर्म और ट्रेन के बीच फंसना, आत्महत्या और प्राकृतिक मौतें शामिल हैं।

    सेंट्रल रेलवे में सबसे ज़्यादा मौतें

    सेंट्रल रेलवे के तहत सबसे अधिक 17,212 मौतें दर्ज की गईं, जो इसके बड़े नेटवर्क को देखते हुए गंभीर चिंता का विषय है। वर्ष 2015 में सबसे ज़्यादा 3,304 और कोविड-काल 2020 में सबसे कम 1,116 मौतें हुईं।

    मुंब्रा हादसे से उजागर हुई लापरवाही

    यह आरटीआई उस हादसे के बाद दाखिल की गई थी, जिसमें मुंब्रा स्टेशन के पास 5 यात्रियों की चलती ट्रेन से गिरकर मौत हो गई थी। इस दुर्घटना ने रेलवे की सुरक्षा व्यवस्था को लेकर गंभीर सवाल खड़े कर दिए।

    'जीरो डेथ मिशन' पर उठे सवाल

    रेलवे प्रशासन का दावा है कि 'जीरो डेथ मिशन' के तहत कई प्रयास किए गए हैं—जैसे फुट ओवरब्रिज, प्लेटफॉर्म की ऊंचाई बढ़ाना, एस्केलेटर और लिफ्ट, फेंसिंग, और अतिक्रमण हटाना—लेकिन ये प्रयास नतीजे देने में असफल साबित हो रहे हैं।

    स्थायी समाधान की मांग

    विशेषज्ञों का मानना है कि इस संकट से निपटने के लिए अब केवल इंफ्रास्ट्रक्चर पर काम करना ही काफी नहीं होगा। ट्रैक पार करने पर सख्त जुर्माना, जनजागरूकता अभियान, और स्थायी संरचनात्मक बदलाव समय की मांग हैं।

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