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    जन्माष्टमी महोत्सव पर इस साल अंतरराष्ट्रीय रंग बिखेरेगा पटना का इस्कॉन मंदिर 

    पटना। इस साल जन्माष्टमी के अवसर पटना का इस्कॉन मंदिर भव्य और दो दिवसीय धार्मिक आयोजन का साक्षी बनने जा रहा है. इस्कॉन मंदिर के प्रवक्ता नंद गोपाल दास ने इस बात की जानकारी देते हुए कहा कि आगामी 16 अगस्त को श्रीकृष्ण जन्माष्टमी का मुख्य आयोजन इस्कॉन मंदिर होगा, जबकि 17 अगस्त को ‘प्रभुपाद आविर्भाव महोत्सव’ मनाया जाएगा. दोनों दिनों में मंदिर परिसर को आकर्षक सजावट, आध्यात्मिक कार्यक्रमों और भक्तिमय वातावरण से भरपूर रखा जाएगा. 16 अगस्त की रात 12 बजे भगवान श्रीकृष्ण का विशेष महाभिषेक होगा, जो इस आयोजन का मुख्य आकर्षण रहेगा. इस महाभिषेक में 251 चांदी के कलश और पवित्र शंखों का उपयोग किया जाएगा. इसके साथ ही भगवान की दिव्य लीलाओं का भी मंचन भी किया जाएगा. इस अवसर पर भक्तों के लिए 501 प्रकार के पकवानों का महाभोग तैयार किया जाएगा. यह प्रसाद भगवान श्रीकृष्ण को अर्पित करने के बाद भक्तों में वितरित होगा. इस दौरान इस्कॉन मंदिर के भक्तों द्वारा सुमधुर नाम-संकीर्तन, भव्य आरती और भक्ति संगीत प्रस्तुत किया जाएगा. वृंदावन और मायापुर से भगवान के विशेष वस्त्र मंगवाए गए हैं, जिनसे श्रीकृष्ण का श्रृंगार होगा. यहीं से कीर्तन मंडली भी आ रही है, जो 2 दिन के इस भव्य कार्यक्रम में भगवान का भजन करेगी. इतना ही नहीं इस साल रसिया, यूक्रेन, इंग्लैंड, दक्षिण और अफ्रीका सहित आठ देशों से फूल मंगाए जा रहे हैं और इन फूलों से बांके बिहारी का दरबार सजाया जाएगा. साथ ही कई देशों से भी भक्त इस आयोजन में भाग लेने आ रहे हैं. इन अंतरराष्ट्रीय भक्तों के आगमन से कार्यक्रम की भव्यता और आध्यात्मिक ऊर्जा में और भी वृद्धि होगी. विदेशी भक्त पारंपरिक कीर्तन और भक्ति नृत्य भी प्रस्तुत करेंगे, जिससे पूरे परिसर में भक्तिमय माहौल होगा. होने वाली भारी भीड़ की संभावना को देखते हुए इस साल सुरक्षा व्यवस्था पर भी विशेष ध्यान दिया गया है. मंदिर परिसर के बाहर मौर्या लोक और जीपीओ तक बैरिकेडिंग लगाने की योजना है. इसके लिए बुधवार को प्रशासन और मंदिर समिति के बीच बैठक भी निर्धारित है. पुरुष और महिला भक्तों के लिए अलग-अलग कतारें बनाई जाएंगी. जिससे भीड़ का प्रबंधन बेहतर तरीके से किया जा सके. साथ ही बड़ी संख्या में सीसीटीवी कैमरे लगाए जा रहे हैं, ताकि सामाजिक तत्वों के हरकतों की मॉनिटरिंग हो सके. भक्तों को अंदर जाकर दर्शन करने के बाद तुरंत बाहर निकलने की प्रक्रिया अपनानी होगी. किसी को भी मंदिर परिसर में अधिक समय तक रुकने की अनुमति नहीं दी जाएगी. मंदिर परिसर में मंदिर के वॉलिंटियर्स रहेंगे, जो भक्तों की सुविधा का ध्यान रखेंगे. 

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