मुंबई: कुर्ला इलाके में धार्मिक नारों वाले स्टिकरों को लेकर विवाद खड़ा हो गया है। दरअसल, सोशल मीडिया पर वायरल एक वीडियो में कुछ लोग जबरन वाहनों पर ‘I Love Muhammad’ लिखे स्टिकर चिपकाते दिखे। वीडियो सामने आने के बाद से ही इलाके में तनाव बढ़ गया है। इसमें साफ दिख रहा है कि कुछ युवक सड़कों पर वाहनों को रोककर मालिक की अनुमति लिए बिना उन पर स्टिकर चिपका रहे हैं। अब तक इस मामले में पुलिस द्वारा कोई कार्रवाई नहीं की गई है। यह घटनाक्रम देखते ही देखते साम्प्रदायिक रंग लेने लगा। इसके जवाब में हिंदू संगठनों ने पूरे मुंबई में समानांतर अभियान की घोषणा की है। उन्होंने ‘I Love Mahadev’ नाम से कार्यक्रम शुरू करने की बात कही है।
कानपुर में कईयों पर दर्ज हुए थे केस
संगठनों से जुड़े नेताओं का कहना है कि मुस्लिम समुदाय की ओर से चलाए जा रहे इस अभियान का मकसद माहौल बिगाड़ना है, इसलिए वे इसका शांतिपूर्ण जवाब देंगे। इस संबंध में 24 सितंबर को आरे मिल्क कॉलोनी में एक बैठक भी आयोजित की गई। मामला केवल मुंबई तक सीमित नहीं है। यह विवाद कानपुर से जुड़ा हुआ है, जहां पुलिस ने इसी तरह के ‘I Love Muhammad’ बैनर सार्वजनिक जगहों पर लगाने पर मुकदमे दर्ज किए थे। पुलिस का तर्क था कि ऐसे बैनर अन्य समुदायों की भावनाओं को आहत कर सकते हैं। कानपुर की घटना के बाद मुंबई में भी मस्जिदों और सड़कों के बाहर मुस्लिम समूहों ने बैनर लगाकर धार्मिक अभिव्यक्ति का प्रदर्शन किया।
बजरंग दल ने इस अभियान पर कड़ा ऐतराज जताया
हिंदूवादी संगठनों, खासकर बजरंग दल ने इस अभियान पर कड़ा ऐतराज जताया है। बजरंग दल के कोंकण प्रांत सह-संयोजक गौतम रवारिया ने कहा कि हमें बैनरों से आपत्ति नहीं है, लेकिन इनके पीछे की नीयत संदिग्ध लगती है। कश्मीर में इसी तरह के बैनर लेकर लोगों ने पुलिसकर्मियों का पीछा किया था, जो बेहद खतरनाक संकेत है। उन्होंने आगे कहा कि उनका ‘I Love Mahadev’ अभियान अन्य राज्यों तक भी फैल सकता है। दूसरी ओर, मुस्लिम संगठनों ने पुलिस की कार्रवाई को भेदभावपूर्ण बताया है। मुंबई स्थित रज़ा अकादमी ने 24 सितंबर को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु को पत्र लिखकर उत्तर प्रदेश में दर्ज मामलों की निंदा की। संगठन ने आरोप लगाया कि पुलिस राजनीतिक दबाव में काम कर रही है।