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    लाल नहीं, इस रंग का बलगम है खतरनाक; फेफड़ों के कैंसर का हो सकता है पक्का लक्षण

    लंग कैंसर सबसे खतरनाक कैंसर है, हर साल जिससे सबसे ज्यादा जान जाती हैं। लगातार खांसी और साथ में बलगम आना इसका लक्षण हो सकता है। लोगों को लगता है कि जब लाल रंग का बलगम निकले तभी घबराने की बात है। लेकिन ऐसा नहीं है, बलगम का एक रंग और है जो खतरे की घंटी बजा सकता है। लोगों को इसके बारे में बहुत कम जानकारी है। लंग कैंसर के बारे में लोगों को जागरुक करने के लिए हर साल एक अगस्त को वर्ल्ड कैंसर डे (​World Lung Cancer Day 2025) मनाया जाता है। धूम्रपान, वायु प्रदूषण और कई सारे एनवायरमेंटल केमिकल की वजह से इसका खतरा बढ़ता जा रहा है। इसकी पहचान में अक्सर देरी हो जाती है, क्योंकि इसके लक्षण फेफड़ों की दूसरी समस्याओं से जुड़े हैं। इसलिए अक्सर नजरअंदाज हो जाते हैं। इस मौके पर इस खतरनाक बीमारी के सभी लक्षणों के बारे में जानते हैं।
     
    बलगम क्यों बनता है?
    बलगम आना एक लक्षण है, जिसकी पीछे कई सारी समस्याएं हो सकती हैं। दरअसल, जब गले, फेफड़े या रेस्पिरेटरी ट्रैक्ट के किसी हिस्से में कोई बाहरी तत्व आ जाता है या इर्रिदेशन होती है, तो उसे कम करने या बाहर निकालने के लिए शरीर चिपचिपा पदार्थ बनाता है। जो खांसी और बलगम के साथ बाहर आ जाता है। बलगम के रंग से कई बीमारी का पता चल सकता है।

    लाल और इस रंग का बलगम है खतरनाक

    अगर आपका बलगम लाल रंग का है तो इसका मतलब उसमें ब्लीडिंग हो रही है। लेकिन कई बार ब्लीडिंग हल्की होती है, जिस वजह से हल्का लाल-भूरे रंग का बलगम आता है। इसे रस्ट यानी जंग जैसा रंग भी कहा जाता है। अमेरिकन कैंसर सोसायटी के मुताबिक थूक या बलगम का जंग जैसा रंग लंग कैंसर की निशानी हो सकता है।

    लंग कैंसर के अन्य लक्षण

    • लगातार या ज्यादा खराब होती खांसी
    • आवाज का कर्कश होना
    • लगातार सीने में दर्द रहना
    • सांस लेने या खांसने पर सीने में गंभीर दर्द होना
    • भूख ना लगना
    • बेवजह वजन घटना
    • सांस फूलना
    • हर वक्त थकान रहना
    • सांस लेने पर आवाज आना
    • बार बार ब्रोंकाइटिस और न्यूमोनिया होना​

    इन लक्षणों से अनजान हैं लोग

    कैंसर शरीर में फैलता है, जिसकी वजह से ऐसे लक्षण भी दिख सकते हैं जिनके बारे में आपको कम जानकारी हो। इसकी वजह से हड्डियों में दर्द, सिरदर्द, हाथ-पैर में सुन्नपन, चक्कर आना, बॉडी बैलेंस ना बना पाना, स्किन और आंखों का पीला पड़ना और लिम्फ नोड्स का सूजना शामिल है।

    जल्दी पहचानना है जरूरी

    जितना जल्दी कैंसर का पता लग जाए, उतना बेहतर है। क्योंकि शुरुआती स्टेज में इसका इलाज आसान होता है और मरीज को बचाने की संभावना बहुत अधिक होती है। इसलिए आपको इसके लक्षणों का पता होना चाहिए।

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