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    पेटागन ने माना, ईरान की बैलिस्टिक मिसाइल अल-उदीद मिलिट्री एयरबेस पर गिरी, नुकसान ना के बराबर  

    वाशिंगटन। अमेरिकी रक्षा मंत्रालय ने इस बात की पुष्टि की है कि 22 जून को ईरान की एक बैलिस्टिक मिसाइल कतर में स्थित उसके अल-उदीद मिलिट्री एयरबेस पर गिरी थी। पेंटागन के प्रवक्ता शॉन पर्नेल ने बताया कि ईरानी मिसाइल हमले में बेस पर मौजूद उपकरणों और ढांचे को हल्का नुकसान हुआ है। हालांकि, एयरबेस पूरी तरह चालू है और अमेरिका अपने कतरी सहयोगियों के साथ मिलकर क्षेत्रीय सुरक्षा अभियानों को जारी रखे हुए है। यह हमला ईरान द्वारा अपने परमाणु ठिकानों पर हुए हमलों के प्रतिशोध में किया गया था। ईरान की इस्लामिक रिवॉल्यूशनरी गार्ड कॉर्प्स (आईआरजीसी) ने भी हमले की पुष्टि कर कहा था कि उसने कतर में अमेरिकी बेस पर जवाबी मिसाइल हमला किया। कुल 6 मिसाइलें दागी गई थीं।
    यह खुलासा जारी की गई सैटेलाइट तस्वीरों के बाद हुआ, जिसमें अमेरिकी एयरबेस पर हमले का असर साफ दिख रहा था। तस्वीरों के मुताबिक, 23 जून की सुबह एयरबेस पर एक जियोडेसिक डोम मौजूद था, जो हमले के बाद पूरी तरह नष्ट हो चुका था। यह डोम एक सैटेलाइट कम्युनिकेशन टर्मिनल को ढंकता था, इस 2015 में 15 मिलियन डालर की लागत से तैयार किया गया था। इसके अंदर एक सैटेलाइट डिश लगी हुई थी, जो अमेरिकी वायुसेना की 379वीं वायु अभियान शाखा के लिए कम्युनिकेशन सिस्टम का हिस्सा थी। हमले के बाद की तस्वीरों में यह डोम गायब दिखा और पास की एक इमारत को भी नुकसान हुआ था। हालांकि, एयरबेस का बाकी हिस्सा काफी हद तक सुरक्षित दिखा।
    यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि 22 जून को ही अमेरिका ने ईरान के 3 परमाणु ठिकानों फोर्डो, नतांज और इस्फहान पर 7 बी-2 बॉम्बर से हमला किया था। ईरानी परमाणु ठिकानों पर मिसाइल गिराने के लगभग 13 घंटे बाद, अमेरिकी रक्षा मंत्री और जॉइंट चीफ ऑफ स्टाफ जनरल डैन केन ने ऑपरेशन मिडनाइट-हैमर नाम के अभियान की जानकारी दी, जिसमें 125 से ज़्यादा जेट शामिल थे। अमेरिकी हमलों के बाद ईरान के परमाणु ठिकानों की सैटेलाइट तस्वीरें भी सामने आई थीं।
     

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