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     बिहार में चुनाव से पहले माता सीता के भव्य मंदिर की आधारशिला रख सकते हैं पीएम मोदी 

    पटना। बिहार में विधानसभा चुनावों से पहले, राजनीतिक गलियारों में राम मंदिर और जानकी मंदिर को लेकर सरगर्मी तेज हो गई है। आगामी विधानसभा चुनावों से ठीक पहले, भाजपा और एनडीए द्वारा इन दो बड़े आयोजनों के माध्यम से मतदाताओं के ध्रुवीकरण की तैयारी चल रही है।
    बात दें कि उत्तर प्रदेश के अयोध्या में राम मंदिर का निर्माण कार्य अपने अंतिम चरण में है और जुलाई के अंत तक इसके पूरा होने की संभावना जाहिर की गई है। बताया जा रहा हैं कि दशहरे पर या उससे पहले अयोध्या में एक भव्य समारोह का आयोजन होगा, जिसमें मुख्य मंदिर सहित अन्य मंदिर शिखरों पर ध्वजारोहण होगा। इस कार्यक्रम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सहित कई शीर्ष नेताओं के शामिल होने की संभावना है, हालांकि श्रीरामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट ने अभी तक इसकी आधिकारिक पुष्टि नहीं की है। ट्रस्ट के अध्यक्ष नृपेंद्र मिश्र ने हाल ही में बताया था कि मंदिर निर्माण का कार्य लगभग पूर्ण होने को है। मंदिर और उसके परकोटे के लिए आवश्यक 14 लाख घन फुट बंसी पहाड़पुर पत्थर में से 13 लाख घन फुट पत्थर लग चुके हैं, और केवल 1 लाख घन फुट पत्थर ही शेष हैं। उन्होंने बताया कि मंदिर के लगभग 800 फुट लंबे निचले चबूतरे के 500 फुट हिस्से पर राम कथा को दर्शाने वाले भित्ति चित्र तैयार हो चुके हैं, और आस-पास के घेरे में प्रस्तावित 80 में से 45 कांस्य भित्ति चित्र स्थापित किए जा चुके हैं। मिश्र ने यह भी बताया कि भारत में पहली बार किसी मंदिर की खिड़कियों में टाइटेनियम धातु का इस्तेमाल हो रहा है, जिसकी मजबूती 1,000 साल से भी अधिक समय तक टिकी रह सकती है। इसके बाद उम्मीद की जा रही हैं कि रामलला के मंदिर के पूर्ण होने पर बीजेपी और हिंदुवादी संगठन कोई बड़ा आयोजन पर देश में हिंदुत्व की धार को और मजबूत कर सकते है। इसका सीधा असर बिहार और उसके बाद यूपी में 2027 में होने वाले विधानसभा चुनाव में मिल सकता है। 
    बिहार में जानकी मंदिर की आधारशिला
    वहीं अयोध्या में होने वाले आयोजन से पहले, माना जा रहा है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बिहार में माता सीता के भव्य मंदिर की आधारशिला रख सकते है। यह तब होगा जब बिहार में विधानसभा चुनाव बिल्कुल करीब है। इस भाजपा और एनडीए द्वारा बिहार विधानसभा चुनावों में ध्रुवीकरण के प्रयास के रूप में देखा जा रहा है।
    हाल ही में बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने घोषणा की थी कि जगत जननी मां जानकी की जन्मस्थली पुनौराधाम, सीतामढ़ी को समग्र रूप से विकसित करने के लिए भव्य मंदिर सहित अन्य संरचनाओं के निर्माण की योजना को राज्य कैबिनेट से मंजूरी मिली है। इस वृहद योजना के लिए 882 करोड़ 87 लाख रुपये की स्वीकृति दी गई है। सीएम नीतिश ने अगस्त महीने तक योजना का शिलान्यास कराने का निर्देश दिया है। उन्होंने कहा है कि पुनौराधाम में मां जानकी के भव्य मंदिर का निर्माण श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र, अयोध्या की तर्ज पर होगा। मुख्यमंत्री ने सभी देशवासियों और विशेष रूप से बिहारवासियों के लिए सौभाग्य और गर्व की बात बताया है। कुल मिलाकर, इन दोनों बड़े धार्मिक आयोजनों को बिहार विधानसभा चुनावों से पहले राजनीतिक लाभ उठाने के एक महत्वपूर्ण कदम के रूप में देखा जा रहा है।
    राजनैतिक जानकारों के मुताबिक बीजेपी हमेशा से ही हिंदुत्व की पिच पर बैटिंग करती है। यहां फिर ये कहे कि ये मुददा बीजेपी के लिए सबसे सुरक्षित और सेफ साबित होता है। इसलिए बीजेपी बिहार चुनाव से पहले मां जानकी के मंदिर के भूमिपूजन कार्यक्रम को भुनने की पूरी कोशिश करेगी। लेकिन बीजेपी की इस रणनीति से बिहार में विरोध दल कांग्रेस, राजद को मिर्ची लग सकती है। क्योंकि उन्हें इस बात का डर हैं कि इस आयोजन से वोटों को ध्रुवीकरण हो सकता है। 

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