अयोध्या: उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) की रामनगरी अयोध्या (Ayodhya) में भव्य दीपोत्सव कार्यक्रम (Grand Diwali Festival) को लेकर सियासी हलचल तेज हो गई है. सूत्रों के मुताबिक, उपमुख्यमंत्री बृजेश पाठक को निमंत्रण न मिलने की वजह से वो नाराज बताए जा रहे हैं. वहीं, केशव प्रसाद मौर्य को निमंत्रण मिला था लेकिन सरकारी विज्ञापन में उनका नाम नहीं था. इसको लेकर उनकी नाराजगी है, जिसके कारण उन्होंने अयोध्या जाने का प्रोग्राम रद्द कर दिया. सरकार द्वारा जारी सरकारी विज्ञापन में भी दोनों के नाम नदारद हैं, जो इस विवाद को और हवा दे रही है.
दीपोत्सव 2017 से लगातार छोटी दीपावली के दिन मनाया जाता रहा है, जिसमें हमेशा राज्यपाल, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, दोनों डिप्टी सीएम और पर्यटन मंत्री की मौजूदगी रहती है. लेकिन इस बार पर्यटन विभाग की जिम्मेदारी संभाल रहे मंत्री जयवीर सिंह के नेतृत्व में आयोजित कार्यक्रम में डिप्टी सीएमों को दरकिनार करने की बात उठ रही है. सूत्रों के अनुसार, यह राजनीतिक संदेश के रूप में देखा जा रहा है. आयोजन से जुड़े सरकारी विज्ञापन और प्रचार सामग्री में मुख्यमंत्री योगी की प्रमुखता से तस्वीरें तो हैं, लेकिन बृजेश पाठक और केशव प्रसाद मौर्य का नाम या फोटो कहीं नजर नहीं आ रहा. यह आयोजन पर्यटन विभाग द्वारा प्रायोजित है और जयवीर सिंह के पास इसकी पूरी जिम्मेदारी है.
सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने इसको लेकर निशाना साधा है. उन्होंने ट्वीट कर कहा है कि जनता पूछ रही है कि उप्र भाजपा सरकार में ‘उप मुख्यमंत्री’ के दोनों पद समाप्त कर दिये गए हैं क्या…विज्ञापन में कनिष्ठ मंत्रियों के नाम तो दिख रहे हैं लेकिन डिप्टी सीएम साहब लोगों के नहीं कहीं यहां भी ‘हाता नहीं भाता’ या ‘प्रभुत्ववादी सोच’ तो हावी नहीं हो गई. वहीं, कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष अजय ने इसे ‘राजनीतिक अपमान ‘ करार देते हुए कहा है कि भाजपा में आंतरिक कलह सतह पर आ रही है. यह दोनों डिप्टी सीएम का अपमान है. दोनों के पास कोई कोई पावर नहीं है.