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    दीपावली से पहले राजस्थान के सरकारी स्कूलों का मेकओवर, चमकेंगे दो रंगों में

    Jaipur News: शिक्षा विभाग की तरफ से जारी किए गए आदेश के मुताबिक सभी प्राथमिक विद्यालय हल्के गुलाबी कलर में रंगे जाएंगे जबकि उच्च माध्यमिक विद्यालय पीले कलर में पेंट किए जाएंगे.

    राजस्थान की भजनलाल शर्मा सरकार ने दीपावली से पहले राज्य के सभी सरकारी स्कूलों का कायाकल्प करने का फैसला किया है. इसके तहत राज्य के सभी 65 हजार सरकारी स्कूलों में मरम्मत के साथ ही रंग रोगन का काम भी कराया जाएगा. सभी स्कूलों में रंगाई पुताई की जाएगी. लाइटिंग भी कराई जाएगी. उन्हें चमकाकर खूबसूरत बनाया जाएगा. इसके लिए सभी स्कूलों को 15 हजार से दो लाख रूपए तक का बजट जारी किया गया है.

    रंगाई पुताई के बाद राजस्थान के सभी स्कूल अब दो रंग में नजर आएंगे. शिक्षा विभाग की तरफ से जारी किए गए आदेश के मुताबिक सभी प्राथमिक विद्यालय हल्के गुलाबी कलर में रंगे जाएंगे जबकि उच्च माध्यमिक विद्यालय पीले कलर में पेंट किए जाएंगे. मरम्मत के साथ ही रंगाई पुताई का काम पूरे प्रदेश में आज एक साथ शुरू किया जाएगा. यह काम 8 दिनों में यानी 18 अक्टूबर तक पूरा करना होगा. 

    सभी स्कूल लाइटों से सजेंगे
    सभी स्कूल बिजली की रंगीन रोशनियों से जगमग नजर आएंगे. लाइटिंग के जरिए स्कूलों को खूबसूरत दिखाने की कोशिश की जाएगी. राजस्थान में स्कूलों को लेकर इस तरह की व्यवस्था पहली बार की गई है. शिक्षा विभाग द्वारा जारी किए गए आदेश में पेंट कराने के लिए कलर कोड तक का जिक्र किया गया है. 

    प्रिंसिपल को रखना होगा रिकॉर्ड
    राज्य के शिक्षा मंत्री मदन दिलावर के मुताबिक सभी स्कूलों के प्रिंसिपल्स को मौजूदा स्थिति की फोटो, फिर मरम्मत की फोटो, इसके बाद रंगाई और फिर लाइटिंग की फोटो रिकॉर्ड के लिए खींच कर रखनी होगी.  स्कूलों में रंगाई पुताई और लाइटिंग के काम की मॉनिटरिंग जिला शिक्षा अधिकारी करेंगे. इस काम में क्वालिटी का खास ध्यान रखे जाने के निर्देश दिए गए हैं.

    लाइटिंग स्वदेशी रहे पूरी तरह
    शिक्षा मंत्री मदन दिलावर ने यह भी निर्देश दिया है कि स्कूलों में दीपावली के मौके पर की जाने वाली लाइटिंग स्वदेशी ही होनी चाहिए. उनका कहना है कि मरम्मत और रंगाई पुताई के बाद स्कूलों में पढ़ाई का माहौल और बेहतर होगा. हालांकि एक पहलू यह भी है कि राज्य के सरकारी स्कूलों के तकरीबन 84 हज़ार क्लासरूम ऐसे हैं, जो जर्जर हालत में है बच्चों के बैठने लायक कतई नहीं है.

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