More
    Homeराज्ययूपीराजेंद्र चोल और गंगाजल: वाराणसी में पीएम मोदी ने क्यों किया ऐतिहासिक...

    राजेंद्र चोल और गंगाजल: वाराणसी में पीएम मोदी ने क्यों किया ऐतिहासिक कनेक्शन का ज़िक्र?

    वाराणसी: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वाराणसी दौरे के दौरान राजा राजेंद्र चोल का जिक्र किया। शनिवार को यहां अपने संबोधन में पीएम मोदी ने चोल राजा की बात कहते हुए गंगाजल कनेक्शन का उल्लेख भी किया। आइए जानते हैं ये राजा राजेंद्र आखिर थे कौन, जिनकी जयंती पर मोदी ने एक सप्ताह पहले तमिलनाडु के तिरुचिरापल्ली जिले के मंदिर में जाने के साथ ही तिरुवथिरई महोत्सव में हिस्सा भी लिया था। पीएम मोदी ने शनिवार को राजा राजेंद्र चोल का उल्लेख किया। सम्राट राजेंद्र चोल प्रथम (1014–1044 ईसवी) को भारतीय इतिहास के सबसे शक्तिशाली और दूरदर्शी राजाओं में से एक माना जाता है। उनके नेतृत्व में चोल साम्राज्य ने दक्षिण और दक्षिण-पूर्व एशिया तक अपना प्रभाव बढ़ा लिया था। राजेंद्र प्रथम ने अपनी सेना को गंगा नदी पार करके कलिंग और बंगाल तक पहुंचा दिया था।

    अपने विजयी सैन्य अभियानों के बाद राजेंद्र चोल प्रथम ने गंगईकोंडा (गंगा को जीतने वाला) चोलपुरम को अपनी शाही राजधानी के रूप में स्थापित किया। उन्होंने राजधानी में भव्य मंदिर का निर्माण कराया, जो 250 से भी अधिक साल तक शैव भक्ति, चोल वास्तुकला, प्रशासनिक कौशल का प्रतीक रहे। ये मंदिर अपनी विशेष मूर्तियों, कांसे की प्रतिमाओं और पुराने शिलालेखों के लिए प्रसिद्ध हैं। राजेंद्र प्रथम के समय चोल वंश की नौसेना भी बहुत शक्तिशाली थी। हिंद महासागर, बंगाल की खाड़ी से लेकर श्रीलंका, मालदीव, मलेशिया, थाईलैंड तक विजयी सैन्य अभियान किए। मध्ययुगीन दक्षिणी भारत के सबसे शक्तिशाली साम्राज्यों में शुमार चोल राजवंश का प्रभाव भारतीय उपमहाद्वीप के साथ ही दक्षिणी और दक्षिण-पूर्व एशिया और चीन तक माना जाता है।

    latest articles

    explore more

    LEAVE A REPLY

    Please enter your comment!
    Please enter your name here