More
    Homeधर्म-समाजरावण की वह खूबसूरत बेटी... जिसे हनुमानजी से पहली नजर में हो...

    रावण की वह खूबसूरत बेटी… जिसे हनुमानजी से पहली नजर में हो गया था प्रेम, चोरी-छुपे की थी राम सेतु बनवाने में मदद

    रामायण काल से जुड़ीं तमाम ऐसी कथाएं हमारे सामने आती हैं, जिनका जिक्र कम किया जाता है. आपको बता दूं कि, श्रीराम, हुनमानजी और रावण वध से जुड़ी कई कहानियां भारत ही नहीं, दूसरे देशों में भी सुनी-सुनाई जाती हैं. वाल्मीकी रामायण के अलावा भी कई देशों में अलग-अलग रामायण लिखी गई हैं. विदेशों की रामायण में उन लोगों का भी जिक्र है, जो भारत की रामायण में नहीं है. उन्हीं में से एक है रावण की खूबसूरत बेटी. उनमें रावण की बेटी को हनुमानजी से प्रेम होने का उल्‍लेख किया गया है. वह हनुमान जी से विवाह करना चाहती थी. आज हम बताएंगे कौन-कौन सी रामायण में रावण की बेटी से जुड़ी कहानियां लिखी गई हैं.

    कहां की रामायण में रावण की बेटी का जिक्र

    वाल्मीकी रामायण के बाद दक्षिण भारत ही नहीं, कई देशों में रामायण को अपने-अपने तरीके से लिखा गया है. इनमें ज्‍यादातर रामायण में श्रीराम के साथ ही रावण को भी काफी महत्‍व दिया गया है. इसीलिए श्रीलंका, इंडोनेशिया, मलेशिया, माली, थाईलैंड और कंबोडिया में रावण को भी पूरी अहमियत दी जाती है. रावण की बेटी का उल्‍लेख भी थाईलैंड की रामकियेन रामायण और कंबोडिया की रामकेर रामायण में किया गया है.

    कौन थी रावण की बेटी? (Who is the real daughter of Ravana?)
    थाईलैंड और कंबोडिया की रामायण के अनुसार, रावण की बेटी आधी मनुष्य और आधी मछली थी. देखने में वह बेहद सुंदर थी और उसका नाम था सुवर्णमछा, जिसे कुछ लोग सुवर्णमत्स्य के नाम से भी जानते थे. उसको जलपरी भी कहते थे क्योंकि, वह आधी मछली थी. इसके अलावा, उसका शरीर सोने का होने के कारण उसे स्वर्णमछा भी कहा जाता था. बता दें कि थाईलैंड और कंबोडिया रामायण में रावण की बेटी बेहद ही पूजनीय है.
    रामकियेन और रामकेर रामायण क्‍या कहती है?
    रामकियेन और रामकेर रामायण के मुताबिक, रावण के तीन पत्नियों से 7 बेटे थे. इनमें पहली पत्‍नी मंदोदरी से दो बेटे मेघनाद और अक्षय कुमार थे. वहीं, दूसरी पत्‍नी धन्यमालिनी से अतिकाय और त्रिशिरा नाम के दो बेटे थे. वहीं, तीसरी पत्‍नी से प्रहस्थ, नरांतक और देवांतक नाम के तीन बेटे थे. दोनों रामायण में बताया गया है कि सात बेटों के अलावा रावण की एक बेटी भी थी, जिसका नाम सुवर्णमछा या सुवर्णमत्‍स्‍य था. एक अन्‍य रामायण ‘अद्भुत रामायण’ में देवी सीता को भी रावण की बेटी बताया गया है.
    रावण की बेटी को कैसे हुआ हनुमानजी से प्रेम?
    थाईलैंड और कंबोडिया की रामायण के अनुसार, जब वानरसेना की ओर से डाले जाने वाले पत्‍थर गायब होने लगे तो हनुमानजी ने समुद्र में उतरकर देखा कि आखिर ये चट्टानें जा कहां रही हैं? इस दौरान उन्‍होंने देखा कि पानी के अंदर रहने वाले लोग पत्‍थर और चट्टानें उठाकर कहीं ले जा रहे हैं. हनुमानजी ने उनका पीछा किया तो देखा कि एक मत्‍स्‍य कन्‍या उनको इस कार्य के लिए निर्देश दे रही है. कथा में कहा गया है कि सुवर्णमछा ने जैसे ही हनुमानजी को देखा, उनसे प्रेम हो गया. हनुमानजी उसके मन की स्थिति भांप लेते हैं और समुद्रतल पर ले जाकर पूछते हैं कि आप कौन हैं देवी? तब वह बताती हैं कि मैं रावण की बेटी हूं? फिर हनुमानजी उन्‍हें समझाते हैं कि रावण गलत कार्य कर रहा है. इस पर सुवर्णमछा चट्टानें लौटा देती हैं और चोरी चुपके रामसेतु के निर्माण में मदद कर देती है.

    थाईलैंड-कंबोडिया में पूजी जाती सुनहरी मछली?
    दशानन रावण की बेटी सुवर्णमत्‍स्‍य का शरीर सोने की तरह दमकता था. इसीलिए उनको सुवर्णमछा भी कहा जाता है. इसका शाब्दिक अर्थ होता है, सोने की मछली. इसीलिए थाईलैंड और कंबोडिया में सुनहरी मछली को ठीक उसी तरह से पूजा जाता है.

    latest articles

    explore more

    LEAVE A REPLY

    Please enter your comment!
    Please enter your name here