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    भाजपा अध्यक्ष चुनने में संघ का दखल नहीं, सिर्फ सुझाव: भागवत

    नई दिल्ली।

    राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के शताब्दी वर्ष के मौके पर आयोजित तीन दिवसीय व्याख्यानमाला के तीसरे दिन संघ प्रमुख मोहन भागवत ने भाजपा अध्यक्ष के चयन को लेकर बड़ा बयान दिया।

    भागवत ने कहा, “मैं शाखा चलाने में माहिर हूं, भाजपा सरकार चलाने में नहीं माहिर है। हम केवल सुझाव दे सकते हैं, फैसला भाजपा का होता है। अगर हम ही निर्णय लेते तो क्या इसमें इतना समय लगता?”

    सरकार से अच्छा तालमेल

    भागवत ने स्पष्ट किया कि संघ और भाजपा के बीच किसी भी तरह का विवाद नहीं है। उन्होंने कहा कि नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार से संघ का अच्छा समन्वय है।
    उन्होंने जोड़ा – “हमारा हर सरकार के साथ अच्छा तालमेल रहता है, चाहे वह राज्य सरकार हो या केंद्र सरकार। व्यवस्था में सुधार की जरूरत है क्योंकि यह अंग्रेजों के शासनकाल में बनी थी। लेकिन कुर्सी पर बैठा व्यक्ति स्वतंत्र होकर ही निर्णय ले सकता है।”

    संघर्ष हो सकता है, झगड़ा नहीं

    संघ और भाजपा के बीच मतभेद की खबरों को खारिज करते हुए भागवत ने कहा, “कभी-कभी संघर्ष हो सकता है, लेकिन झगड़ा नहीं। लक्ष्य दोनों का एक ही है – देश का कल्याण।”

    हम सलाह देते हैं, निर्णय नहीं लेते

    संघ प्रमुख ने साफ किया कि आरएसएस निर्णय लेने वाला संगठन नहीं है। उन्होंने कहा, “हमारे यहां मतभेद हो सकते हैं, लेकिन मनभेद नहीं। यह कहना कि संघ हर चीज तय करता है, गलत है। हम केवल सलाह देते हैं, फैसला सरकार या पार्टी करती है।”

    बीजेपी अध्यक्ष पर चुप्पी

    भाजपा के नए अध्यक्ष के चयन में देरी पर भागवत ने कहा, “अपना समय लीजिए, इसमें हमें कुछ नहीं कहना। हम सबकी मदद करते हैं, सिर्फ भाजपा की ही नहीं, अगर वे अच्छा काम करना चाहें तो।”

    गौरतलब है कि ‘आरएसएस की 100 वर्ष की यात्रा: नए क्षितिज’ विषय पर यह तीन दिवसीय कार्यक्रम मंगलवार से दिल्ली के विज्ञान भवन में चल रहा है।

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