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    हैरान करने वाला मामला: हरियाणा के दो युवकों को रूस ने जबरन यूक्रेन युद्ध में भेजा, परिवार को मिला अंतिम मैसेज

    फतेहाबाद: हरियाणा के फतेहाबाद जिले के कुम्हरिया गांव के दो युवक रूस-यूक्रेन युद्ध की आग में धकेल दिए गए हैं। इनमें से एक युवक अंकित जांगरा ने गुरुवार रात अपने भाई रघुबीर को एक वॉइस नोट भेजा। इसमें उसने बताया कि शुक्रवार सुबह 5 बजे उसे युद्ध क्षेत्र में भेजा जा रहा है और उसके बाद उसका फोन भी बंद हो जाएगा। यह संदेश टेलीग्राम के जरिए भेजा गया, क्योंकि कुछ दिन पहले ही रूसी सेना ने उनका व्हाट्सएप अकाउंट डिलीट कर दिया था। रघुबीर ने बताया कि भाई ने कहा कि अब वह हमसे संपर्क नहीं कर पाएगा। उसके बाद हमारी कोई खबर नहीं मिलेगी।

    रूसी भाषा का कोर्स करने गया था अंकित
    रघुबीर ने बताया कि उसका भाई अंकित रूस में रूसी भाषा का कोर्स करने गया था और वहां केएफसी में नौकरी कर रहा था। इसी दौरान एक महिला ने उसे सुरक्षा गार्ड की नौकरी का झांसा दिया। उसी दौरान जबरन समझौता करवाकर उसे सेना में धकेल दिया गया। रघुबीर ने हाल ही में दिल्ली में विदेश मंत्रालय का रुख किया था, जहां अधिकारियों ने आश्वासन दिया कि युवाओं को वापस लाने के लिए हर संभव प्रयास किए जा रहे हैं। अंकित के परिवार की आर्थिक स्थिति भी बेहद खराब है। घर गिरवी रखकर उन्होंने 4.75 लाख रुपये का कर्ज लिया था। उनके पास कोई ज़मीन नहीं है। पिता राजमिस्त्री का काम करते हैं और रघुबीर खुद मज़दूरी करता है। रघुबीर का कहना है किअब घर में केवल मैं, मां और पिता बचे हैं। मेरा भाई धोखे से फंस गया और हमें नहीं पता कि वह लौटकर आएगा भी या नहीं।

    फेसबुक के माध्यम से संदेश भेजा
    दूसरे युवक, विजय पूनिय ने बुधवार रात अपने दोस्त रमेश कुमार को फेसबुक के माध्यम से संदेश भेजा। इसमें उसने लिखा कि रूसी सेना ने उनके व्हाट्सएप पर वीडियो शेयर करने की जानकारी पाकर अकाउंट डिलीट करवा दिए और उन्हें मजबूर किया गया कि वे किसी से संपर्क न रखें। बता दें कि इस सप्ताह कुछ वीडियो सामने आए थे, जिनमें अंकित और विजय समेत उत्तर प्रदेश, पंजाब और जम्मू-कश्मीर के अन्य युवाओं ने आरोप लगाया था कि उन्हें झूठे वादों के साथ रूस बुलाया गया। उन्हें नौकरी का लालच देकर वहां ले जाया गया और बाद में जबरन रूसी सेना में शामिल कर लिया गया। युवाओं का कहना है कि उन्हें धमकाकर रूसी भाषा में कागज़ों पर हस्ताक्षर कराए गए और सेना की वर्दी पहनाई गई। इसके बाद उन्हें 10 दिन का हथियार चलाने का प्रशिक्षण देकर युद्ध में भेजने की तैयारी की गई। कांग्रेस महासचिव और सिरसा से सांसद कुमारी शैलजा ने भी विदेश मंत्री एस. जयशंकर को पत्र लिखकर त्वरित हस्तक्षेप की मांग की है।

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